जब अभाव में मर रहे लोग, सरकार ने विदेशों में निर्यात कर दी 700 फीसदी ऑक्सीजन

जब अभाव में मर रहे लोग, सरकार ने विदेशों में निर्यात कर दी 700 फीसदी ऑक्सीजन

कोरोना महामारी में ऑक्सीजन के अभाव में देशभर में हाहाकार मचा हुआ है। अचानक ऑक्सीजन खत्म हो जाने से कई अस्पतालों में लोग दम तोड़ रहे हैं। भोपाल के पीपुल्स हॉस्पिटल में सोमवार को ऑक्सीजन की कमी से एक साथ 10 कोरोना मरीजों ने दम तोड़ दिया। ये सभी मरीज डी ब्लॉक के कोविड वार्ड में भर्ती थे। सुबह अचानक ऑक्सीजन सप्लाई का प्रेशर कम हुआ और आईसीयू में भर्ती मरीजों को घबराहट होने लगी। इसे देख वार्ड का नर्सिंग स्टाफ चीखने-चिल्लाने लगे। अफरा-तफरी मच गई। फिर दस मरीजों की मौत हो गई।

जब अभाव में मर रहे लोग, सरकार ने विदेशों में निर्यात कर दी 700 फीसदी ऑक्सीजन

ऐसे हालात में इस बात का खुलासा हुआ है कि केंद्र की मोदी सरकार ने 700 फीसदी ऑक्सीजन का निर्यात कर दिया। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल मार्च में आई इस महामारी के बाद भी सरकार ने ऑक्सीजन के स्टॉक को बनाए रखने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाए। पिछले साल अप्रैल से इस साल जनवरी तक ऑक्सीजन का निर्यात दोगुना तक बढ़ा। हालांकि, सरकार के तरफ स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा गया कि यह फर्जी खबर है।

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लेकिन आंकड़े सरकारी दावों के उलट ही स्थिति बयान कर रहे हैं। भारत से अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 के बीच ऑक्सीजन का निर्यात दोगुना होकर 9,301 मीट्रिक टन तक पहुंच गया। जिससे करीब 8.9 करोड़ रुपये की कमाई हुई। इस बात की जानकारी वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने दी है। ऑक्सीजन का ये निर्यात उस समय किया जब देश में खुद ऑक्सीजन की कमी थी और कोरोना संक्रमित मामलों की तुलना में भारत तीसरे नंबर पर था।

वहीं, भारत ने 2019-20 के बीच करीब 4,514 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का निर्यात किया था। जनवरी 2020 में 352 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का निर्यात किया गया था पर जनवरी 2021 में ऑक्सीजन का निर्यात 734 मीट्रिक टन तक बढ़ा दिया गया। दिसंबर 2020 में 2,193 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का निर्यात किया गया। जबकि, दिसंबर 2019 में 538 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का निर्यात किया गया था।

बता दें कि महाराष्ट्र के नासिक में आज बुधवार को सरकारी अस्पताल में एक बड़ा हादसा हो गया। दरअसल, नगर निगम के जाकिर हुसैन अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक लीक हो गया। इसे रिपेयर करने में 30 मिनट का वक्त लग गए और इतनी देर में ऑक्सीजन सप्लाई रोक जाने के चलते 22 मरीजों की मौत हो गई और 35 की हालत अभी भी नाजुक है।


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