‘दो महीने से हम ठंड में ठिठुर रहे और सरकार हमें ‘तारीख पे तारीख’ दे रही’

‘दो महीने से हम ठंड में ठिठुर रहे और सरकार हमें ‘तारीख पे तारीख’ दे रही’

किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके प्रदर्शन का आज 51वां दिन है। सरकार और किसानों के बीच कई बैठक हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रही। सरकार का रवैया किसानों के प्रति ढुलमुल दिखाई दे रही है। वहीं किसानों को इस ठंड की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इस पर अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह का कहना है कि सरकार हमें सिर्फ तारीख पे तारीख दे रही है। उन्होंने कहा, “लगभग दो महीनों से हम ठंड के मौसम में परेशान हो रहे हैं। सरकार हमें ‘तारीख पे तारीख’ दे रही है। इस मामले को टालने की कोशिश कर रही है ताकि हम थक जाएं और जगह छोड़ दें। यह उनकी साजिश है।”

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बता दें कि इससे पहले किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बीते शुक्रवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में नए कृषि कानूनों को लेकर नौवें दौर की वार्ता हुई थी लेकिन वो भी बेनतीजा रही। इसकी अगली बैठक 19 जनवरी को होने वाली है।

पिछली बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था, “किसान यूनियन के साथ आज बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। तीनों कानूनों और आवश्यक वस्तु अधिनियम पर चर्चा हुई। हमारी ओर से सभी शंकाओं को दूर करने की कोशिश की गई, लेकिन चर्चा निर्णायक मोड़ पर नहीं पहुंच पाई। 19 जनवरी को अगली बैठक का फैसला किया गया है। किसान चाहें तो अनौपचारिक समूह बना लें और कृषि कानून पर आपत्तियों को लेकर मसौदा दें तो सरकार खुले मन से उसपर चर्चा करने को तैयार है।”

वहीं किसान नेता जोगिन्दर सिंह उग्रहान ने कहा था, “किसान संगठनों ने सरकार से तीनों कानून रद्द करने का आग्रह किया लेकिन केंद्र ऐसा करने को अनिच्छुक दिखी। हमने 19 जनवरी को दोपहर 12 बजे फिर से मिलने का फैसला किया है। बैठक के दौरान किसान संगठनों के नेताओं ने पंजाब के उन ट्रांसपोर्टरों पर एनआई के छापे का मुद्दा उठाया जो किसान विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं और आवाजाही की सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।”

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उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को तीनों नए कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी थी। अदालत ने साथ ही चार सदस्यीय कमेटी गठित किया था। कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिन्दर सिंह मान, शेतकारी संगठन महाराष्ट्र के अध्यक्ष अनिल घनवट, इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रमोद कुमार जोशी और कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी का नाम शामिल किया था। लेकिन कमेटी से बीते गुरुवार को भूपिन्दर सिंह मान ने खुद को अलग कर लिया था।

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