पश्चिम बंगाल चुनावी रैली का प्रकोप, टेस्ट करवा रहा हर दूसरा व्यक्ति निकल रहा पॉजिटिव

पश्चिम बंगाल चुनावी रैली का प्रकोप, टेस्ट करवा रहा हर दूसरा व्यक्ति निकल रहा पॉजिटिव

देशभर में कोरोना को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। दिन पर दिन हालात बद-से-बदतर हो जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली जैसे जगहों में शव को जलाने का जगह भी नहीं मिल रहे हैं। इसलिए यहां के पार्कों में अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जा रही है। इसी बीच पश्चिम बंगाल से चौकाने वाली खबर आई है।

कोलकाता में कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच करवा रहा हर दूसरा आदमी पॉजिटिव निकल रहा है। वहीं, अगर पूरे राज्य की बात करें तो हर चार में से एक शख्स पॉजिटिव निकल रहा है। पिछले महीने की अपेक्षा में यह संख्या पांच गुना अधिक है। एक महीने पहले 20 कोरोना जांचों में सिर्फ एक शख्स की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जा रही थी।

बंगाल चुनावी रैली का प्रकोप, टेस्ट करवा रहा हर दूसरा व्यक्ति निकल रहा पॉजिटिव

बीते दिनों खबर आई थी कि कोरोना का एक नया स्वरूप B.1.618 यानी ट्रिपल म्यूटेंट ने बंगाल में दस्तक दे दी है। ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट को भारत में पहचान में आई SARS-CoV-2 की दूसरी लाइनेज कहा जा सकता है। इसे B.1.618 कहा जा रहा है और यह ज्यादातर पश्चिम बंगाल में फैल रहा है।

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जैसा कि मालूम है चल रहे विधानसभा चुनाव में नेताओं ने सबसे अधिक रैलियां इसी राज्य में की हैं। और यही वजह है कि लोग यहां रैलियों में एक-दूसरे के संपर्क में आए हैं। यहां ट्रिपल वैरिएंट के केस बड़े स्तर पर सामने आ रहे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना का यह प्रकार दूसरे वैरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक है।

आरटी-पीसीआर टेस्ट करने वाले लैब के एक डॉक्टर के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है, ”कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों की लैब्स जोकि कोरोना जांच कर रही हैं, उनकी जांच में 45-55 फीसदी पॉजिटिविटी रेट मिल रह है। वहीं, राज्य के अन्य शहरों में यह स्तर 24 फीसदी के आसपास है। एक महीने पहले सिर्फ पांच फीसदी ही था।”

बंगाल चुनावी रैली का प्रकोप, टेस्ट करवा रहा हर दूसरा व्यक्ति निकल रहा पॉजिटिव

एक सीनियर डॉक्टर ने आगे बताया, “वास्तव में पॉजिटिविटी रेट तो कहीं अधिक है। कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें हल्के या फिर बिल्कुल भी लक्षण नहीं हैं और वे कोरोना से संक्रमित हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक जांच नहीं करवाई है। हम जरूरत के हिसाब से जांच नहीं कर रहे हैं। हमें इस समय कोरोना की जांच से पीछे नहीं हटना चाहिए।”

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रिकॉर्ड के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में 1 अप्रैल को 25,766 लोगों की कोरोना टेस्टिंग हुई थी, जिसमें सिर्फ 1274 लोग पॉजिटिव आए थे। तब पॉजिटिविटी रेट यहां 4.9 फीसदी थी। वहीं, शनिवार को 55,060 लोगों की जांच की गई जिसमें से रिकॉर्ड 14,281 लोग पॉजिटिव मिले। यह दर 25.9 फीसदी है।

पीयरलेस अस्पताल से जुड़े माइक्रोबायोलिजिस्ट भास्कर नारायण चौधरी ने बताया कि तेजी से संक्रमित होने के पीछे वजह म्यूटेंट वायरस है, जोकि काफी कम समय में ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर रहा है। एक अन्य वजह यह भी है कि जिन्हें लक्षण हैं, उनमें से ही कुछ लोग कोरोना की जांच करवाने जा रहे हैं।

बंगाल चुनावी रैली का प्रकोप, टेस्ट करवा रहा हर दूसरा व्यक्ति निकल रहा पॉजिटिव

दूसरी तरफ एक दूसरे हॉस्पिटल के चेयरमैन ने बताया, “हमारी लैब में पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 50 फीसदी तक पहुंच गया है। टेस्टिंग के सैंपल को लेकर दबाव काफी अधिक है। लेकिन यह अच्छा है कि लोग अब टेस्टिंग करवाने के लिए सामने आ रहे हैं। जितनी जल्दी हम कोरोना संक्रमितों को ढूंढकर उन्हें आइसोलेट कर सकें, वह हमारे लिए काफी बेहतर होगा।”

एक अन्य अधिकारी ने भी कहा कि उनकी लैब में पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 55 फीसदी तक पहुंच गया है। बता दें कि शनिवार को पश्चिम बंगाल में एक दिन में कोविड-19 संक्रमण के सबसे अधिक 14,281 मामले सामने आए हैं। जिसके संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 7,28,061 हो गई है। संक्रमण के चलते 59 और रोगियों की मौत के बाद मृतकों की कुल तादाद 10,884 हो गई है।


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