शव जलाने को श्मशान घाट पड़े छोटे, पार्क में अंतिम संस्कार की हो रही व्यवस्था

शव जलाने को श्मशान घाट पड़े छोटे, पार्क में अंतिम संस्कार की हो रही व्यवस्था

देशभर में कोरोना को लेकर त्राहि-त्राहि मची हुई है। राजधानी दिल्ली में यही हालात हैं। हर दिन यहां सैकड़ों लोग कोरोना की जद में आकर दम तोड़ रहे हैं। हालत इतनी खराब हो गई है कि श्माशान घाटों में शव जलाने को जगह तक नहीं मिल रही है। अंतिम संस्कार के लिए लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं।

राजधानी में ऐसे माहौल में पार्कों के श्मशान में तब्दील करने का फैसला लिया गया है। सराय काले खां में दाह-संस्कार के लिए पार्क में अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जा रही है। ऐसा नहीं है कि सराय काले खां में श्मशान घाट नहीं हैं। दरअसल, यहां पहले से श्मशान घाट हैं लेकिन रोजाना इतनी अधित मौतें हो रही हैं कि घाटों में जगह नहीं मिल रही है।

देशभर में कोरोना को लेकर त्राहि-त्राहि मची हुई है। राजधानी दिल्ली में यही हालात हैं। हर दिन यहां सैकड़ों लोग कोरोना की जद में आकर दम तोड़ रहे हैं।

ऐसे हालात में सभी का अंतिम संस्कार समय पर संभव नहीं हो पा रहा है। सराय काले खां के जिस हरे-भरे पार्क में लोग कुछ दिनों पहले तक टहलने और हवा खाने आते थे, अब यहां लोगों की चिताओं को अग्नि देने की व्यवस्था की जा रही है।

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लाश जलाने के लिए सराय काले खां पार्क में प्लेटफार्म तैयार होने शुरू हो गए हैं। अब तक 20 शव हाद प्लेटफॉर्म तैयार किए जा चुके हैं। जबकि पार्क के दूसरे हिस्से में ही 50 प्लेटफॉर्म तैयार किए जा रहे हैं।

प्लेटफॉर्म तैयार करने वाले ठेकेदार का कहना है कि लाशें इतनी आ रही हैं कि श्मशान घाट छोटा पड़ गया है। इसलिए यह बनाया जा रहा है। ठेकेदार ने बताया कि लाश जलाने के लिए जगह के साथ-साथ लकड़ियां भी कम पड़ गई हैं। लाश जलाने के लिए कुछ लकड़ियां एमसीडी की तरफ से आ रही हैं तो कभी-कभी कोई और भेज देता है। हालात काफी खराब हैं।


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