देशभर कोरोना को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। हर हफ्ते साढ़े तीन लाख से अधिक केस सामने आ रहे हैं। इसी बीच मद्रास हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोरोना की दूसरी लहर के लिए हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया है। कोर्ट का मानना है कि समय रहते चुनाव आयोग ने चुनावी रैलियों पर रोक नहीं लगाया जिसके चलते कोरोना विस्फोट हुआ।
सुनवाई के दौरान मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एस. बनर्जी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग ही जिम्मेदार है। कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग के अधिकारियों पर अगर मर्डर चार्ज लगाया जाए तो गलत नहीं होगा।
हालांकि, जब चुनाव आयोग ने कोर्ट ने जवाब दिया कि उनकी ओर से कोविड गाइडलाइन्स का पालन किया गया, वोटिंग डे पर नियमों का पालन किया गया था। इसपर अदालत नाराज जाहिर करते हुए पूछा कि जब प्रचार हो रहा था, तब क्या चुनाव आयोग दूसरे ग्रह पर था।
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कोर्ट ने इसके बाद चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 2 मई को कोविड से जुड़ी गाइडलाइन्स का पालन नहीं हुआ और उसका ब्लूप्रिंट नहीं तैयार किया गया, तो वह मतगणना पर रोक लगा देंगे।
कोर्ट ने आगे कहा कि स्वास्थ्य का मसला काफी अहम है, पर चिंता की बात ये है कि अदालत को ये याद दिलाना पड़ रहा है। इस वक्त हालात ऐसे हो गए हैं कि जिंदा रहने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
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चुनाव आयोग को हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि वह हेल्थ सेक्रेटरी के साथ मिलकर प्लान बनाना चाहिए और काउंटिंग डे की तैयारी करनी चाहिए। इसके लिए कोर्ट ने आयोग को 30 अप्रैल तक प्लान बनाकर देने का समय दिया है।
उल्लेखनीय है कि देश के पांच राज्यों में कोरोना काल में विधानसभा चुनाव हुए है। चार राज्यों में पहले ही चुनाव खत्म हो चुके हैं जबकि बंगाल में आज 7वें चरण का मतदान का मतदान चल रहा है, जबकि 8वें और आखिरी चरण की वोटिंग 29 अपैल को होगी।
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