मध्य प्रदेश में कोरोना वैक्सीन फर्जीवाड़ा, 1 लाख से अधिक लोगों का मोबाइल नंबर और पता फर्जी

मध्य प्रदेश में कोरोना वैक्सीन फर्जीवाड़ा, 1 लाख से अधिक लोगों का मोबाइल नंबर और पता फर्जी

एक तरफ कोरोना संक्रमण से पूरा देश त्रस्त है, वहीं दूसरी तरफ कोरोना के मामले फिर से बढ़ने शुरू हो गए हैं। चार नए म्युटेंट स्ट्रैन भी देश में कल सामने आए हैं। मध्य प्रदेश में इस बीच कोरोना वैक्सीन लगाने में भारी गड़बड़ी सामने आई है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, टेस्ट कराने वाले हजारों लोगों का पता फर्जी पाया गया है।

इतना ही नहीं कोरोना वैक्सीन के लिए बने कोविड पोर्टल पर हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स के हजारों नाम के आगे एक मोबाइल नंबर लिखे गए हैं। ऐसे हालात में कई लोगों को दूसरे डोज की जानकारी नहीं मिल पाई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घटना की जानकारी मिलने के बाद सरकारी महकमें में हड़कंप मची हुई है।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया, “सूची अलग-अलग विभागों से आई थी, हमने ही ये त्रुटि पकड़ी है। ये ह्यूमन एरर है, हमने खुद ही गलती पकड़ी और इसे सही किया है। इस चूक की वजह से टीकाकरण कार्यक्रम बिगड़ा नहीं वो सही चला। जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।”

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11 फरवरी को टीकाकरण अभियान की बनी एनएचएम की रिपोर्ट में पता लगा कि राज्य में टीका लगवाने वाले 1,37,454 कर्मचारियों के मोबाइल नंबर का रिकॉर्ड एक जैसा पाया गया है। जिसमें से 83598 स्वास्थ्यकर्मी, नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के 32422, राजस्व विभाग के 6977, गृह विभाग के 7338 और पंचायती राज विभाग के 119 कर्मचारियों के एक जैसे मोबाइल नंबर मिले हैं।

मध्य प्रदेश में कोरोना वैक्सीन फर्जीवाडा, 1 लाख से अधिक लोगों का मोबाइल नंबर और पता फर्जी

अगर जिले की बात करें तो जबलपुर में 11703, इंदौर में 17644, भोपाल में 8349 टीकाधारियों के मोबाइल नंबर एक जैसे पाए गए हैं। स्वच्छता प्रभारी राजेश परमार के फोन नंबर पर सात लोगों के नाम दर्ज हैं, इन्हें पहला डोज दिया है। परमार के नंबर पर जिनके नाम दर्ज हैं उन्हें अब 17 तारीख को वैक्सीन की पहली खुराक मिलेगी।

वहीं, आगर नगर पालिका में सैनिटेशन इंस्पेक्टर बसंत के नंबर पर भी 8 लोगों के नाम दर्ज हैं, उनका कहना है कि कई सफाईकर्मी ऐसे हैं जिनके पास मोबाइल नहीं थे इसलिए उनके नाम के आगे बसंत का ही नंबर लिख दिया गया। अब समस्या ये है कि इसके कारण से जिसका नंबर दर्ज था उसने मैसेज आने पर टीका लगवा लिया। मगर, दूसरे हेल्थ वर्कर टीका लगवाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते रहे।

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उधर, कांग्रेस ने इस मामले पर कहा कि यह बड़ी लापरवाही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री पी.सी. शर्मा ने कहा, “टेस्ट के मामले में, वैक्सीन के मामले में ढिलाई चल रही है, नाम-पते सब फर्जी नोट हैं, मध्य प्रदेश में एक लाख से अधिक एक नंबर पर ही नोट करवा दिया। मैं समझता हूं एक प्रकार से खिलवाड़ चल रहा है पूरे कोविड 19 को लेकर।”

गौरतलब है कि कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक अपार्टमेंट में रहने वाले 103 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी लोग पार्टियों में शामिल हुए थे। दूसरी तरफ साउथ अफ्रीका के म्युटेंट स्ट्रैन के चार मामले देश में शामने आए हैं। ये सभी जनवरी महीने में साउथ अफ्रीका से लौटे थे। इन सभी के साथ इनके कॉन्टैक्ट की टेस्टिंग करके क्वारंटीन किया गया है।

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