उत्तर प्रदेश में इन दिनों चुनावी माहौल चल रहा है। सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी रैलियां शुरू कर दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार जहां गोरखपुर में एम्स और खाद कारखाना का लोकार्पण किया और चुनावी रैली को संबोधित किया। साथ में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। वहीं, मेरठ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने पहली बार एक साथ रैली किया। दोनों ही रैलियों में लाखों की संख्या में लोग जुटे।
दूसरी तरफ, इन धूआंधार रैलियों के बीच योगी प्रशासन ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ में करीब एक महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। पुलिस ने ये फैसला क्रिसमस, नए साल के जश्न, कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के खतरे, आने वाले दिनों में होने वाली परीक्षाओं और विभिन्न किसान संगठनों की ओर से विरोध-प्रदर्शन के मद्देनज़र लिया है।

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लखनऊ में 7 दिसंबर से 5 जनवरी 2022 तक के लिए धारा 144 लागू रहेगी। आदेश में कहा गया है कि रेस्टोरेंट, होटल, सिनेमा हॉल मल्टीप्लेक्स, जिम, स्टेडियम 50 फीसदी क्षमता के साथ ही खोले जा सकेंगे। साथ ही लखनऊ में मास्क पहनने को अनिवार्य किया गया है। घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा। बंद जगहों पर होने वाले आयोजनों में 100 से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं हो सकेंगे। अब सवाल उठता है कि क्या ये नियम चुनावी रैलियों पर लागू नहीं होते?
जेसीपी लॉ एंड आर्डर पीयूष मोर्डिया के मुताबिक, कोरोना की सभी गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। विधानसभा के आसपास किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। रेस्टोरेंट, होटल, सिनेमा हॉल मल्टीप्लेक्स, जिम, स्टेडियम 50 फीसदी क्षमता के साथ ही खोले जा सकेंगे। खुले स्थानों में क्षेत्रफल के अनुसार, आयोजन होंगे, लेकिन प्रवेश द्वार पर कोविड हेल्प डेस्क बनाना अनिवार्य होगा।

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साथ ही प्रशासन ने धर्म स्थलों में 50 से अधिक श्रद्धालुओं के एक बार में इकट्ठा होने पर भी प्रतिबंध लगाया है। शहर में लाउडस्पीकर पर रात 10 बजे के बाद पूरी तरह से बैन लगा दिया है। इसके अलावा, सरकारी भवनों के आसपास ड्रोन कैमरे से शूटिंग करने पर रोक लगा दी गई है।
छतों पर ईंट-पत्थर समेत ज्वलनशील पदार्थ रखने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सोशल मीडिया पर ग्रुप एडमिन की जिम्मेदारी होगी कि कोई भी शख्स भड़काऊ पोस्ट न करे। ऐसा करने पर आरोपी के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। देश और दुनिया में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों से दशहत का माहौल है। माना जा रहा है कि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो तीसरी लहर का खतरा हो सकता है।
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