पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को लगा है। 2016 में 44 सीटें लाने वाली कांग्रेस के साथ ये आजादी के बाद पहली बार है कि जब वह राज्य में शून्य पर रह गई है। कांग्रेस का ऐसी दुर्गति के लिए पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी ने वाम दल और मुसलमानों को दोषी ठहराया है।
उनका कहना है कि मुस्लिम वोट टीएमसी के खाते में चले गए जिसके कारण कांग्रेस को केवल 2.94 फीसद वोट मिले। इतना ही नहीं उन्होंने अपने सहयोगी दल लेफ्ट पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वाम दल ने भी अपना वोट टीएमसी को ट्रांसफर कराया जिसके चलते ही कांग्रेस इतनी पिछड़ गई।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “टीएमसी सत्ता को बचाना चाहती थी, जबकि बीजेपी पावर हासिल करना चाहती थी। हमारे लिए ऐसा कुछ दांव पर नहीं था। हम अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे थे।”
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अधीर रंजन ने बीजेपी पर पोलराइजेशन का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी थी, लेकिन फेल साबित हुई। उन्होंने कहा, “मुर्शिदाबाद और मालदा जैसे इलाकों में मुस्लिम वोट बैंक का ध्रुवीकरण हुआ है।”
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “सीतालकुची में केंद्रीय बलों की फायरिंग में चार युवकों की मौत हुई थी और सभी मुस्लिम थे। इसके बाद से ही ध्रुवीकरण तेज हुआ।” इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि टीएमसी ने इस स्थिति का फायदा उठाया और अपने वोटों का ध्रुवीकरण किया।
कांग्रेस नेता ने कहा, “ममता बनर्जी पर महिलाओं ने भरोसा जताया है, जबकि मुस्लिमों ने भी उनका विश्वास किया।” टीएमसी की तरफ लेफ्ट वोटों के ट्रांसफर होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर वोटों का एक हिस्सा ट्रांसफर हुआ है। यही नहीं उन्होंने कहा कि कांग्रेस का वोट भी काफी हद तक टीएमसी को चला गया।
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उन्होंने कहा, “कांग्रेस को मुख्य तौर पर मुस्लिम वोट मिलता है और वह टीएमसी को ट्रांसफर हो गया। इसके चलते ही यह स्थिति पैदा हो गई। मुस्लिम वोट टीएमसी के खाते में चला गया और हिंदू वोट बीजेपी के खाते में चला गया। हमारे लिए कुछ भी नहीं बचा था।”
उल्लेखनीय है कि लेफ्ट और इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने के बाद भी राज्य में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है। वहीं, वाम दलों का भी यही हाल है। दूसरी तरफ चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी को इस बार विधानसभा चुनावों में 38.13 प्रतिशत वोट मिले, जबकि टीएमसी के खाते में 47.94 प्रतिशत वोट गए।
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