अरुणाचल प्रदेश के बाद पूर्वी लद्दाख में चीनी अतिक्रमण, कर रहा 73 सड़कों का निर्माण

अरुणाचल प्रदेश के बाद पूर्वी लद्दाख में चीनी अतिक्रमण, कर रहा 73 सड़कों का निर्माण

चीन लगातार भारतीय सीमा का अतिक्रमण कर रहा है। बीते दिनों अरुणाचल प्रदेश में एक और नया एन्क्लेव बनाने की बात सामने आई थी। ताजा एन्क्लेव में कम-से-कम 60 इमारतें मौजूद हैं। इससे पहले भी चीन के ऐसे ही निर्माण की तस्वीरें सामने आई थीं।

लेकिन अब सामने आया है कि चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में हाईवे और सड़क का निर्माण कर रही है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख को लेकर सामने आए खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि इस क्षेत्र में चीन अतिरिक्त राजमार्ग और सड़कें बनाकर अपनी सैन्य चौकियों की संख्या को बढ़ा रहा है।

जैसा कि मालूम है कि भारतीय और चीनी सेना के बीच मई 2020 में लद्दाख में कई प्वाइंट्स पर गतिरोध शुरू हुआ था। इस गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य वार्ता भी हुई लेकिन कुछ सुखद नतीजा नहीं निकला।

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चीन ने अब तक हॉट स्प्रिंग्स और डेपसांग मैदानों में कब्जे वाले क्षेत्र से हटने का कोई इरादा नहीं दिखाया है। हालांकि, गलवान घाटी, पैंगोंग झील और गोगरा से उसने अपनी शर्तों पर आंशिक रूप से सहमति व्यक्त की है।

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उल्लेखनीय है कि दोनों सेनाएं गलवान घाटी, पैंगोंग झील और गोगरा, इन तीन जगहों से समान दूरी से पीछे हट गई हैं। वहीं, चीन की चालबाजियों को देखते भारत भी हुए पूरी तरह सतर्क है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, चीन की बढ़ती आक्रामकता और गतिविधि को देखते हुए भारतीय सेना ने सीमा पर सैन्य क्षमता को बढ़ा दिया है।

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दूसरी तरफ, पूर्वी लद्दाख के गतिवरोध वाले क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अब दोनों तरफ से लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं। वहीं, भारत की तैयारियों को लेकर रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “भारतीय सेना सीमा पर 73 सड़कों का निर्माण कर रही है।”

अधिकारी ने बताया कि एकमात्र चिंता यह है कि इस क्षेत्र में चीन के सैन्य बुनियादी ढांचे के तेजी से विस्तार की तुलना में हमारे काम की गति धीमी है। हालांकि, सड़कों के निर्माण के बाद सीमा पर चौकियों पर तेजी से तैनाती और बेहतर रख-रखाव हो सकेगा।


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