योगी की अध्यक्षता में ‘लव जिहाद’ अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी, 10 साल की सजा का प्रावधान

योगी की अध्यक्षता में ‘लव जिहाद’ अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी, 10 साल की सजा का प्रावधान

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की कैबिनट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने के लिए अध्यादेश की मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने मंगलवार को शादी के लिए अवैध धर्मांतरण रोधी कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

इस अध्यादेश में नाम छिपाकर शादी पर 10 साल की सजा का भी प्रावधान किया गया है। इसके अलावा गैर-कानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन पर एक से 10 साल तक की सजा होगी। इसके अलावा इसके तहत 15 हजार तक का जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

इसके अलावा सामूहिक रूप से गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन करने पर जहां 10 साल तक सजा हो सकती है, वहीं 50 हजार तक जुर्माना भी देना पड़ सकता है। अध्यादेश के मुताबिक, दूसरे धर्म में शादी करने पर अब डीएम की इजाजत लेनी होगी।

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मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश कैबिनेट आज ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’ लेकर आई है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए यह जरूरी है।

अध्यादेश में क्या-क्या है कानूनी प्रावधान:

  • ऐसे धर्म परिवर्तन को एक अपराध की श्रेणी में लाकर प्रतिष्ठित करेगा जो मिथ्या निरूपण, बलपूर्वक, प्रलोभन या अन्य किसी कपट रीति से या विवाह द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन के लिए किया जा रहा हो।
  • यह अवयस्क महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के संबंध में ऐसे धर्म परिवर्तन के लिए वृहद दंड का प्रावधान करेगा।
  • किसी एक धर्म से अन्य धर्म में लड़की के धर्म में परिवर्तन से एकमात्र प्रयोजन के लिए किए गए विवाह पर ऐसा विवाह सुनने की श्रेणी में लाया जा सकेगा।
  • सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में कतिपय सामाजिक संगठनों का पंजीकरण निरस्त करके उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।
  • अध्यादेश में मिथ्या निरूपण, बल , प्रलोभन या किसी कपट पूर्ण माध्यम द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन हेतु विवश किए जाने पर उस कृत्य को एक सज्ञेय अपराध के रूप में मानते हुए संबंधित अपराध गैर जमानती प्रकृति का होने और उक्त अभियोग को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में विचारणीय बताने जाने का प्रावधान किया जा रहा है ।
  • उपबंधों का उल्लंघन करने हेतु कम से कम 1 वर्ष अधिकतम 5 वर्ष की सजा जुर्माने की राशि 15,000 रुपये से कम नहीं होगी का प्रावधान किया गया है , जबकि अवयस्क महिला, अनुसूचित
  • धर्म परिवर्तन के इच्छुक होने पर भी प्रारूप पर जिला मजिस्ट्रेट को दो माह पूर्व सूचना देनी होगी इसका उल्लंघन किए जाने पर छह माह से 3 वर्ष तक की सजा और जुर्माने की राशि 10,000 रुपये से कम नहीं होने का प्रावधान किया जा रहा है।
  • जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के संबंध में धारा-3 के उल्लंघन पर कारावास कम-से-कम तीन वर्ष अधिकतम 10 वर्ष तक की होगी और जुर्माने की राशि 25,000 रुपये से कम नहीं होगी, सामूहिक धर्म परिवर्तन के संबंध में कारावास तीन वर्ष से कम नहीं किंतु 10 वर्ष तक हो सकेगा और जुर्माने की राशि 50,000 रुपये से कम नहीं होगी।

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