माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स पर अपने एनजीओ बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के माध्यम से आदिवासी बच्चों पर स्वदेशी टीकों के परीक्षण और 2009 में एक नसबंदी कार्यक्रम चलाने के आरोप लगे हैं। अब बिल गेट्स को गिरफ्तारी की मांग की जा रही है।
#ArrestBillGates आज रात से ही सोशल मीडिया पर लगातार ट्रेड कर रहा है। कई लोगों ने बिल गेट्स की आलोचना की है और कहा है कि उनकी गिरफ्तारी की जाए। कुछ लोगों का दावा है कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने बगैर माता-पिता किसी सहमति के, गरीब आदिवासी बच्चों पर एक वैक्सीन का अनधिकृत नैदानिक परीक्षण किया।
This is the untold story of how @BillGates funded NGO PATH killed tribal girls in India in unauthorised clinical trials and got away with it. #ArrestBillGates https://t.co/yYqCRZ4Ah3
— Tribal Army (@TribalArmy) May 29, 2021
ग्रेट गेम इंडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिएटल स्थित एक गैर-सरकारी संगठन ‘प्रोग्राम फॉर एप्रोप्रिएट टेक्नोलॉजी इन हेल्थ’ (पीएटीएच) ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की वित्तीय मदद से साल 2009 में तेलंगाना के खम्मम में 10 से 14 साल की 14,000 जनजातीय लड़कियों को पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन देने के लिए एक परियोजना को अंजाम दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने एनजीओ पर ‘बाल शोषण’ का आरोप लगाया और अपने दावे का समर्थन करने के लिए कई सबूत पेश किए हैं।
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रिपोर्टों से यह भी बताया गया है कि फाउंडेशन की ओर से पेपिलोमा वायरस वैक्सीन दिए जाने के बाद कई लड़कियां बीमार पड़ गई और उनमें सात लड़कियों की मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक, लड़कियों को गार्डासिल का इंजेक्शन लगाने से पहले उनके परिवारवालों से नहीं पूछा गया। ज्यादातर लड़कियों के माता-पिता को ट्रायल के बारे में पता नहीं था क्योंकि लड़कियां सरकारी छात्रावासों में रहती थीं।
Bill Gates crimes against Humanity! Shameless!!!! #ArrestBillGates pic.twitter.com/H9IOYOf39A
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) May 29, 2021
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अगस्त 2009 में रिपोर्ट दी थी कि फाउंडेशन ने उस वर्ष के 31 मार्च और 30 जून के बीच मर्क को अपने शेयर बेचे थे, जो लगभग उसी समय होगा जब भारत में एचपीवी वैक्सीन का फील्ड परीक्षण शुरू हो रहा था। तो इस परियोजना की संपूर्णता के लिए (जो पहले से ही अक्टूबर 2006 तक प्रचालन में थी), अपने अंतिम फील्ड परीक्षणों तक, बीएमजीएफ की दोहरी भूमिका थी: देखभाल के लिए जिम्मेदारी के साथ एक चैरिटी के रूप में और लाभ के लिए जिम्मेदारी के साथ एक व्यवसाय के मालिक के रूप में।
एचपीवी वैक्सीन का उद्देश्य सर्वाइकल कैंसर को रोकना है। 2006 में मर्क द्वारा गार्डासिल को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था, लेकिन अमेरिकी चिकित्सा पत्रिकाओं में लेखों की एक श्रृंखला के बाद इसकी बिक्री में कमी आई थी, जिसमें यह माना गया था कि इसके जोखिम इसके लाभों से अधिक हैं। यह विश्लेषण 19 अगस्त, 2009 को अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) के जर्नल में प्रकाशित हुआ था।
It is shameful for a person like @BillGates to conduct a vaccine trial on illiterate women of the same caste for centuries. Take strict action soon US administration. Raise the voice of Bill Gates by raising the whole world.#ArrestBillGates @POTUS@KamalaHarris @WhiteHouse pic.twitter.com/o92DfTyGB8
— Sunil Astay (@SunilAstay) May 29, 2021
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यह विश्लेषण 19 अगस्त, 2009 को अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) के जर्नल में प्रकाशित हुआ था। रिपोर्ट की गई 12,424 प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं में 772 शामिल थे जिन्हें गंभीर माना गया, जिनमें से 32 मौतें थीं। ऑटोइम्यून विकारों, शिरापरक थ्रोम्बोम्बोलिक घटनाओं (रक्त के थक्के) और गुइलेन-बैरे सिंड्रोम सहित अन्य गंभीर दुष्प्रभावों की सूचना दी।
द ग्रेट गेम इंडिया लेख “How Bill Gates Funded NGO PATH Killed Tribal Girls In India In Unauthorised Clinical Trials” को 25 मई को प्रकाशित किया था, जिसे अब व्यापक रूप से साझा किया गया है। अब इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कुछ लोगों ने बिल गेट्स की गिरफ्तारी की मांग की है।
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