अफसार अहमद को पीटने वाले 3 आरोपियों को थाने से ही जमानत, पुलिस ने दी ये दलील

अफसार अहमद को पीटने वाले 3 आरोपियों को थाने से ही जमानत, पुलिस ने दी ये दलील

कानपुर के रहने वाले 45 वर्षीय रिक्शा चालक अफसार अहमद को पीटने वाले बजरंग दल के दो कार्यकर्ता समेत तीन आरोपियों को थाने से ही जमानत पर छोड़ दिया गया है। बर्रा पुलिस ने गुरुवार को अजय बैंड वाला, बजरंग दल के कार्यकर्ता अमन गुप्ता और राहुल को गिरफ्तार किया था। लेकिन, गिरफ्तारी के कुछ देर बाद बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के लोगों ने रात में डीसीपी कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा काटा।

पुलिस ने इसके बाद देर रात अमन गुप्ता को थाने से छोड़ दिया। साथ ही शुक्रवार दो अन्य आरोपियों को भी थाने से ही जमानत पर रिहा कर दिया गया। पुलिस ने शनिवार को तीन अन्य हमलावरों अंकित वर्मा उर्फ गदुम्मा, केशू और शिवम को गिरफ्तार किया। इनमें से केशू नामजद है।

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एडीसीपी साउथ डॉ. अनिल कुमार ने बताया, “हमलावरों पर लगाई गई धाराओं में सात साल से कम की सजा है। लिहाजा पकड़े गए सभी आरोपियों को जमानत मिल गई है। तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। फरार अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है।”

रिक्शा चालक अफसार से लिपट कर रोती रही बेटी जय श्रीराम का नारा लगा पिटते रहे गुंडे

उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले अफसार अहमद की लिंचिग करने की कोशिश की गई थी। जब अफसार को बजरंग दल के गुंडे सड़क पर घटसते हुए ‘जय श्रीराम’ के नारे लगा पीट रहे थे तब उनकी बेटी भी उनसे साथ थी। जब भगवाधारी गुंड़ों की भीड़ अफसार को पीट रही थी तब उनकी छोटी बच्ची उनसे चिमटकर रो रही थी और छोड़ देने की भिख मांग रही थी, फिर भी भगवाधारी गुंडों का दिल नहीं पसीजा।

बताया जा रहा है कि बजरंग दल के ये गुंड़े कुरैशा बेगम के पति और बच्चों की तलाश में इलाके में आए थे, लेकिन वो मिले नहीं तो उनलोगों ने कुरैशा बेगम के देवर को पकड़कर पिटाना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं उन लोगों ने उनकी पिटाई करते हुए पूरे इलाके में जुलूस निकाला गया, और जोर-जोर से जय श्रीराम के नारे लगाए।

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दरअसल, इस घटना के पीछे करीब एक महीने पहले हुई एक अन्य घटना को बताया जा रहा है। तब बर्रा निवासी एक परिवार की नाबालिग बेटी से साथ कुछ युवकों ने कथित तौर पर छेड़छाड़ की थी। पीड़ित पक्ष का आरोप हैं कि परिवार के विरोध करने पर अभियुक्त धर्मांतरण का दबाव बना रहे थे।

पुलिस से पीड़ित परिवार ने इसकी शिकायत की पर उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। 31 जुलाई को बीजेपी के स्थानीय विधायक महेश त्रिवेदी के हस्तक्षेप पर पुलिस ने लड़की की माँ की तहरीर पर तीन सगे भाइयों सद्दाम, सलमान और मुकुल के खिलाफ केस दर्ज किया था।


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