ट्विटर ने कांग्रेस विवाद के बाद अपने इंडिया हेड मनीष माहेश्वरी को पद से हटाया

ट्विटर ने कांग्रेस विवाद के बाद अपने इंडिया हेड मनीष माहेश्वरी को पद से हटाया

माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने कांग्रेस के साथ छिड़े घमासान के बीच अपने इंडिया हेड को हटा दिया है। मनीष माहेश्वरी को नई जिम्मेदारी के साथ अमेरिका शिफ्ट करने की बात कही गई है। महेश्वरी को रेवेन्यू स्ट्रेटजी एंड ऑपरेशंस के सीनियर डायरेक्टर की भूमिका दी गई है। साथ-साथ न्यू मार्केट पर भी वे ध्यान देंगे।

महेश्वरी कंपनी के ग्लोबल स्ट्रेटजी एंड ऑपरेशंस के सीनियर डायरेक्टर डीएत्रा मारा को रिपोर्ट करेंगे। मनीकंट्रोल ने इस फैसले की घोषणा वाले ईमेल की कॉपी की समीक्षा की है।

ईमेल में लिखा गया है, “हमारे भारत के डायरेक्टर और भारत के हेड के रूप में 2 साल से ज्यादा समय तक टीम को सपोर्ट करने के बाद, मनीष सैन फ्रांसिस्को में सीनियर डायरेक्टर, रेवेन्यू स्ट्रेटजी एंड ऑपरेशंस पर एक नई भूमिका निभाएंगे, जो न्यू मार्केट एंट्री पर केंद्रित है।”

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ईमेल के मुताबिक, ट्विटर की वर्तमान सेल्स हेड कनिका मित्तल और ट्विटर इंडिया की वर्तमान बिजनेस हेड नेहा शर्मा कत्याल मिलकर लीड करेंगी। और ट्विटर JAPAC/Twitter जापान के वाइस प्रेसिडेंट यू सासामोटो को रिपोर्ट करेंगी।

ट्विटर के सीनियर एग्जीक्यूटिव यू सासामोटो ने खबर की पुष्टी करने हुए एक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, “पिछले दो से ज्यादा सालों में हमारे भारतीय बिजनेस के आपके नेतृत्व के लिए मनीष माहेश्वरी को धन्यवाद। अमेरिका में वर्ल्डवाइड न्यू मार्केट के लिए रेवेन्यू स्ट्रेटजी एंड ऑपरेशंस प्रभारी की नई भूमिका के लिए आपको बधाई। आपको ट्विटर के लिए इस अहम पद का नेतृत्व करते हुए देखकर उत्साहित हूं।”

माना जा रहा है कि ट्विटर की ओर से ये फैसला ताजा कांग्रेस बनाम ट्विटर विवाद के बाद लिया गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत 500 ट्विटर हैंडल को ब्लॉक करने के बाद ट्विटर के निष्पक्षता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

ट्विटर ने कांग्रेस विवाद के बाद अपने इंडिया हेड मनीष माहेश्वरी को पद से हटाया

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने अपने और पार्टी के 500 के करीब अकाउंट्स को लॉक करने को लेकर बीते दिन प्रतिक्रिया दी थी। दोनों ने ट्विटर के निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे। राहुल गांधी ने सोशल प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर एक वीडियो स्टेटमेंट जारी किया था।

अपने स्टाग्राम पोस्ट में उन्होंने कहा कि एक कंपनी के तौर पर देश की राजनीति तय करने का काम ट्विटर कर रहा है। यह देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है। यह राहुल गांधी पर हमला नहीं है। यह सिर्फ मेरी ही आवाज को बंद करने की बात नहीं है बल्कि लाखों करोड़ों लोगों को चुप करने का मामला है।

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कांग्रेस नेता ने कहा, “मेरे ट्विटर अकाउंट को बंद करके एक कंपनी ने राजनीतिक प्रक्रिया में दखल दिया है। कारोबार करने वाली एक कंपनी राजनीति को तय कर रही है।” उन्होंने इसके बाद कहा, “एक राजनेता के तौर पर मैं इस तरह की चीजें पसंद नहीं करता हूं। यह देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है। यह राहुल गांधी पर ही अटैक नहीं है। यह सिर्फ राहुल गांधी को चुप कराने की बात नहीं है।”

राहुल गांधी ने कहा, “मेरे 19 से 20 मिलियन के करीब फॉलोअर्स थे और आप उन्हें अपनी राय व्यक्त करने से रोक रहे हैं। आप यह क्या कर रहे हैं। इस हरकत से ट्विटर ने यह साबित किया है कि वह न्यूट्रल प्लेटफॉर्म नहीं है। निवेशकों के लिए यह खतरनाक चीज है क्योंकि राजनीतिक मुकाबले में किसी की साइड लेना ट्विटर के लिए गलत अंजाम वाला हो सकता है।”

इसके बाद उन्होंने कहा, “हमारे लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। हमें संसद में भी बोलने नहीं दिया जा रहा है। मीडिया पर नियंत्रण है। मैं मानता हूं कि एक उम्मीद की किरण थी, जहां हम ट्वीट के जरिए अपनी बात रख सकते थे। लेकिन ऐसा नहीं है। इससे पता चलता है कि ट्विटर न्यूट्रल प्लेटफॉर्म नहीं है बल्कि ऑब्जेक्टिव है, जिसका कुछ लोग अपने तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। यह पक्षपाती प्लेटफॉर्म है और यह वही सुनता है, जो मौजूदा सरकार कहती है।”

राहुल गांधी ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा, “हमें सवाल पूछना चाहिए कि क्या हम कंपनियों को अपनी राजनीति तय करने का अधिकार दे सकते हैं क्योंकि सरकार उसके साथ है? क्या हम अपनी राजनीति को खुद डिफाइन करना चाहते हैं या फिर कंपनियां ऐसा करना चाहती हैं।”


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