बाबुल सुप्रियो ने किया राजनीति छोड़ने का एलान, सांसद पद से भी दिया इस्तीफा

बाबुल सुप्रियो ने किया राजनीति छोड़ने का एलान, सांसद पद से भी दिया इस्तीफा

मोदी कैबिनेट से हाल ही हटाए गए आसनसोल से बीजेपी के सांसद बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से संन्यास लेने का एलान कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने संन्यास की घोषणा की। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि बीजेपी ही उनकी पार्टी है।

बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से संन्यास के साथ ही सांसद पद से भी इस्तीफा दे दिया है। हाल में मोदी कैबिनेट विस्तार में उन्हें जगह नहीं मिली थी और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। तब भी उन्होंने सोशल मीडिया में इसको लेकर लिखा था पर सीधे तौर पर उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त करने या फिर पार्टी के बारे में लिखने से बचे थे।

उन्होंने अपने इस्तीफे का ऐलान एक कविता से किया। उन्होंने लिखा कि अगर सामाजिक कार्य करना है तो वह राजनीति के बिना भी हो सकता है। उन्होंने कहा, “अब मैंने राह बदलने का फैसला लिया है और लोगों की सेवा का उद्देश्य राजनीति के बिना भी पूरा हो सकता है।”

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सोशल मीडिया में बाबुल ने लिखा, “सब की बातें सुनीं, बाप, (माँ) पत्नी, बेटी, दो प्यारे दोस्तों मैं किसी और पार्टी में नहीं जा रहा। मुझे किसी भी पार्टी की तरफ से फोन नहीं आया। मैं एक टीम का खिलाड़ी हूँ! हमेशा एक टीम का समर्थन किया है।”

अपने इस्तीफे में उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि दोनों ही लोगों ने कई मायनों में मुझे प्रेरित किया है। मैं उनके प्यार को कभी नहीं भूलूंगा।

बाबुल सुप्रियो ने किया राजनीति छोड़ने का एलान, सांसद पद से भी दिया इस्तीफा

उन्होंने कहा कि मैं प्रार्थना करता हूं कि वे मुझे गलत नहीं समझेंगे और मुझे माफ कर दें। बाबुल ने आगे कहा कि 2014 और 2019 के बीच बहुत बड़ा अंतर आ चुका है। उन्होंने कहा, “2014 में मैं बीजेपी के टिकट से अकेला लड़ा था, लेकिन बंगाल में आज बीजेपी मुख्य विपक्षी दल है। आज पार्टी में नए चमकीले युवा नेता आ चुके हैं। पार्टी में उतने ही युवा नेता है जितने पुराने हैं। कहने की जरूरत नहीं है कि युवा नेताओं के पार्टी एक लंबा सफर तय करेगी।”

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उन्होंने कहा कि अब मेरे रहने या नहीं रहने से पार्टी में ज्यादा कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला है। देखा जाए तो बाबुल सुप्रियों की बंगाल चुनाव के बाद से ही राजनीति में भूमिका कम होती जा रही थी। उनकी चुप्पी को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे।

पहले ही कयास लगने शुरू हो गए थे कि वह कुछ बड़ा कदम उठा सकते हैं और अब उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने का फैसला ले लिया। उन्होंने सोशल मीडिया में काफी लंबा पोस्ट किया जिसमें बहुत सारी बातें लिखीं। उन्होंने कहा कि पार्टी के साथ मेरे कुछ मतभेद जिनके बारे में लोगों को पहले ही पता चल चुका है। मैं बंगाल में हार के लिए जिम्मेदारी लेता हूं।


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