सरसों तेल को रिफाइंड तेल की तुलना बेहतर पर कब करता है नुकसान?

सरसों तेल को रिफाइंड तेल की तुलना बेहतर पर कब करता है नुकसान?

सरसों के तेल में कई ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। सरसों तेल को रिफाइंड तेल की तुलना में काफी हेल्दी माना जाता है। इसके सेवन से श्वसन प्रणाली, इम्यूनिटी और पाचन शक्ति मजबूत होती है। यही नहीं इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी किया जाता है। सरसों तेल बालों के लिए भी बहुत ही अच्छा माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका अधिक सेवन करने से सेहत को कुछ नुकसान भी होते हैं। अगर नहीं जानते तो आज जान लीजिए।

यूरिक एसिड की समस्या

सरसों तेल का अधिक सेवन करने से यूरिक एसिड की समस्या बढ़ सकती है। दरअसल, कई रिसर्च में बताया गया है कि सरसों तेल में यूरिक एसिड की मात्रा करीब 42 से 47 फीसदी पाई जाती है। आपको पता ही होगा कि शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से अर्थराइटिस, दस्त, एनीमिया जैसी कई गंभीर समस्या हो सकती है। इसलिए सेवन करें लेकिन कम मात्रा में।

हार्ट पर बुरा असर

सरसों तेल में एरिटिक एसिड की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। एरिटिक एसिड दिल की मांसपेशियों पर बुरा असर डालता है। इसलिए बहुत अधिक मात्रा में सरसों तेल का सेवन नहीं करना चाहिए।

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गर्भपात का खतरा

प्रेंग्नेंट महिलाओं को सरसों तेल का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि सरसों तेल में कुछ ऐसे रासायनिक यौगिक होते हैं, जो पेट में पल रहे शिशु के लिए अच्छे नहीं माने जाते हैं। यही नहीं बताया जाता है कि अधिक मात्रा में सरसों तेल का सेवन करने से गर्भपात का खतरा रहता है।

राइनाइटिस की समस्या

सरसों तेल का सेवन अधिक मात्रा में करने से राइनाटिस की समस्या बढ़ सकती है। क्योंकि सरसों तेल का ज्यादा सेवन करने से श्र्लेष्मा झिल्ली में सूजन आने लगती है, जिसके कारण खांसी, छींक, नाक बहने की समस्या हो सकती है। इसलिए इस तरह की परेशानी न हो उसके लिए सरसों तेल का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।

स्किन को नुकसान

सरसों तेल खाने से स्किन को कई तरह की परेशानी होने लगती है। रिसर्च में बताया गया है कि सरसों तेल का अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने से स्किन का कार्य बाधित होता है। मतलब की इससे स्किन को नुकसान होती है। यह शरीर में पानी के नुकसान को बढ़ावा देता है, जिससे स्किन में फफोले पड़ने लगते हैं।

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सीने में जलन की शिकायत

दरअसल, सरसों तेल में कई तरह के हानिकारण केमिकल यौगिक होते हैं। इस केमिकल यौगिक को आइसोथियोसाइनेट कहा जाता है। यह बहुत ही शक्तिशाली यौगिक होता है, जिसके कारण फेफड़ों, आंतों में सूजन और जठरांत्र संबंधी मार्ग में समस्या उत्पन्न होने लगती है। इसके कारण ही सीने में जलन और आंखों से आंसू आने की समस्या होती है।

फेफड़ों से जुड़ी परेशानी

सरसों तेल के अधिक सेवन से दिल से जुड़ी परेशानियों के साथ-साथ फेफड़ों से जुड़ी परेशानियां भी बढ़ सकती हैं। इस तेल में मौजूद एरिटिक एसिड फेफड़ों को भी प्रभावित करता है। यह श्वसन तंत्र पर असर डालता है। इससे सांस लेने में परेशानी होती है। इसलिए अगर आप भी लंबे समय से सरसों तेल का सेवन कर रहे हैं तो मात्रा कम कर दें।

नोट: सरसों तेल स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन किसी भी चीज का अधिक मात्रा में सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसलिए सरसों तेल का सेवन भी ज्यादा मात्रा में न करें।


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