कृषि कानून को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों का गुस्सा सरकार के साथ-साथ अम्बानी-अडानी पर भी निकल रहा है। किसानों ने मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो को लेकर पिछले दिनों जमकर गुस्सा निकाला था और लोगों ने जियो का सब्सक्रिशन रद्द करने की अपील की थी। इतना ही पंजाब में कंपनी के टावर को नुकसान पहुंचाया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा में देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम ऑपरेटर रिलायंस जियो को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के तरफ से जारी किए गए डेटा के अनुसार, केवल पंजाब और हरियाणा ही दो ऐसे राज्य थे, जहां जियो के उपभोक्ताओं की संख्या में दिसंबर 2020 में कमी आई।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ट्राई ने बताया है कि पंजाब में जियो के नवंबर 2020 तक 1.40 करोड़ यूजर्स थे, जबकि दिसंबर 2020 के आखिर तक इनकी तादाद घटकर 1.25 करोड़ रह गई। जियो के यूजर बेस में यह पिछले 18 महीनों में आई सबसे बड़ी गिरावट रही।
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यह कमर्शियल लॉन्च के बाद से दूसरी बार है, जब जियो के उपभोक्ताओं की तादाद में इतनी गिरावट आई। दिसंबर 2019 में इससे पहले कंपनी के यूजर्स में भारी गिरावट आई थी। लेकिन तब यह प्रभाव बीएसएनएल को छोड़कर सभी निजी टेलिकॉम ऑपरेटरों पर पड़ा था।
दूसरी तरफ नवंबर 2020 में हरियाणा में जियो के पास 94.48 लाख उपभोक्ता थे, जो दिसंबर महीने के आखिर तक घटकर 89.07 लाख रह गए। लॉन्च के बाद से सितंबर 2016 में हरियाणा में पहली बार जियो के यूजर बेस में इतनी गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, रिलायंस जियो की तरफ से अब तक इसको लेकर कोई बयान नहीं आया है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब और हरियाणा में इससे पहले किसानों ने 1500 से अधिक मोबाइल टावर्स में तोड़फोड़ की थी। इतना ही नहीं बिजली कनेक्शन भी काट दिए थे। हालांकि, बाद में यह तथ्य सामने आया था कि किसानों ने जिन टावर्स को जियो का समझकर तोड़ा, वो पहले ही बेचे जा चुके हैं। अपने इन टावर्स को जियो पहले ही एक कनाडा की कंपनी को बेच चुका है। हालांकि, जियो इन टावर्स का उपयोग करने के लिए इस कंपनी को किराया देता है।
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किसान संगठनों ने आरोप लगाया है कि कृषि कानूनों से रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों को लाभ होगा। इसलिए ये कंपनियां पंजाब और हरियाणा में बहुत सारी जमीनें खरीद रही हैं ताकि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग किया जा सके और प्राइवेट मंडियां स्थापित किया जा सके। किसानों का आरोप है कि कंपनियों के ऐसा करने से सरकारी मंडियां और खरीद व्यवस्था खत्म हो जाएगी।
हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज का दावा है कि कोई ‘कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग’उसकी किसी भी कंपनी ने नहीं की है और न ही इस कार्य के लिए कहीं पर जमीन खरीदी है। दूसरी तरफ ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2020 में पूरे भारत में रिलायंस जिओ के 4.78 लाख यूजर्स और भारती एयरटेल के 40.51 लाख यूजर्स बढ़े हैं। वहीं वोडाफोन-आइडिया के 56.9 लाख यूजर्स इस महीने कम हो गए।
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