प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह नगर गुजरात की चर्चित गोधरा नगर पालिका पर अब ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुसलमिन (एआईएमआईएम) का कब्जा हो गया है। भले ही निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अधिकतर नगर पालिका सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन गोधरा नगर पालिका में पार्टी की हार ने पार्टी की फजीहत कराई है। अब 18 सदस्यों वाली बीजेपी विपक्ष में बैठेगी।
जैसा कि मालूम है कि 44 सदस्य वाली गोधरा नगरपालिका में सात सीटों पर ओवैसी की पार्टी ने कब्जा किया था। ऐसे में नगरपालिका की सत्ता हासिल करने के लिए 23 नगरसेवकों की जरूरत थी। निर्दलीय 17 नगर सेवकों में पांच हिंदू नगर सेवक भी शामिल हैं जिन्होंने ओवैसी की पार्टी को अपना समर्थन दिया है।
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निर्दलीय प्रत्यासियों का समर्थन पाकर एआईएमआईएम को यहां 24 नगर सेवकों का समर्थन हासिल हो गया और उसने सत्ता की चाभी अपने हाथों में कर ली है। इससे पहले यह सीट बीजेपी के कब्जे में थी, लेकिन एआईएमआईएम ने गोधरा नगरपालिका की सत्ता भाजपा के हाथों से छीनने में कामयाब हुई है।
मजेदार बात ये है कि ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को बीजेपी की बी टीम कहा जा रहा था, उसी ने गोधरा में बीजेपी को पटखनी दे दी है। दरअसल, एआईएमआईएम ने पहली बार गुजरात के निकाय चुनाव में दावेदारी की थी।
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लेकिन पहली बार उतरने के बावजूद एआईएमआईएम ने गुजरात के स्थानीय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है। गोधरा के अलावा अहमदाबाद में ओवैसी की पार्टी ने सात पार्षद सीट पर कब्जा किया है। इसके अलावा मोडासा में पार्टी के 9 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है।
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