मशहूर अमेरिकी ऑटो कंपनी फोर्ड ने भारत में अपने कारों की मैन्युफैक्चरिंग बंद करने का फैसला किया है। कंपनी अपने इंडियन प्लांट्स को बंद करेगी। इस बात की जानकारी न्यूज एजेंसी रायटर्स ने सूत्रों के हवाले से दी है।
खबर के मुताबिक, यह निर्णय फोर्ड ने इसलिए लिया क्योंकि इसे जारी रखना उनके लिए अब लाभदायक नहीं रहा है। भारतीय बाजार में लंबे समय से संघर्षों के दौर से गुजर रही है। इस प्रक्रिया को पूरा करने में लगभग एक साल का समय लगेगा।
अमेरिकी ऑटो मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने निर्णय लिया है कि वह भारत में अपनी कुछ कारों को आयात कर बिक्री जारी रखेगा। साथ ही मौजूदा ग्राहकों को सेवा देने के लिए डीलरों को भी सहायता प्रदान करेगी।
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हालांकि, अभी तक फोर्ड कंपनी की ओर से इस संबंध में टिप्पणी नहीं आई है। फोर्ड पहली कंपनी नहीं है तो भारत में अपना प्रोडक्शन बंद करने वाली है। नरेंद्र मोदी की सरकार में आने बाद जिस तरह से भारतीय इकोनॉमी में लगातार गिरावत जारी उसके बाद पहले से जनरल मोटर्स और हार्ले डेविडसन जैसी अमेरिकी कंपनियां पहले ही मार्केट छोड़ चुकी हैं।
हालांकि, जापानी कंपनी होंडा के खाफी हालात खराब हैं। ऐसी लगभग सभी कंपनियां पहले मैन्युफैक्चरिंग को हटा चुकी हैं या फिर कम कर दी हैं। अगर फोर्ड की बात करें तो कंपनी ने अपने चेन्नई (तमिलनाडु) और साणंद (गुजरात) प्लांट में लगभग 2.5 अरब डॉलर का निवेश किया है।
कंपनी इन कंपनी से उत्पादित इकोस्पोर्ट, फिगो और एस्पायर जैसे वाहनों की बिक्री बंद कर देगी। फोर्ड इंडिया के पास सालाना 6,10,000 इंजन और 4,40,000 वाहनों की स्थापित विनिर्माण क्षमता है। इ0सने Figo, Aspire, और EcoSport जैसे अपने मॉडलों को दुनियाभर के 70 से अधिक बाजारों में निर्यात किया।
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फोर्ड मोटर कंपनी और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इस साल जनवरी में अपने पहले घोषित ऑटोमोटिव संयुक्त उद्यम को खत्म करने का फैसला किया था और इसके बजाय भारत में स्वतंत्र संचालन जारी रखने का फैसला किया था।
वहीं, अक्तूबर 2019 में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने फोर्ड की भारतीय ईकाई पर अपना पूरा नियंत्रण हासिल करने की घोषणा की थी। नई इकाई को बाजार का विकास करना था और भारत में फोर्ड ब्रांड के वाहनों को वितरित करना था।
जनरल मोटर्स के बाद भारत में प्लांट बंद करने वाली फोर्ड दूसरी अमेरिकी ऑटो कंपनी है। दो दशकों से अधिक समय तक संघर्ष करने के बाद 2017 में जनरल मोटर्स ने घोषणा की कि वह भारत में वाहनों की बिक्री बंद कर देगी।
फोर्ड ने गुजरात में अपना हलोल प्लांट एमजी मोटर्स को बेच दिया, जबकि उसने निर्यात के लिए महाराष्ट्र में अपने तालेगांव संयंत्र को चलाना जारी रखा। लेकिन पिछले दिसंबर में वहां उत्पादन बंद कर दिया।
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