उत्तर-पूर्वी राज्य त्रिपुरा एक बार फिर हिंसा की चपेट में है। बीजेपी और सीपीआई (एम) के बीच बुधवार को हुई झड़प के बाद मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के करीब आठ कार्यालयों में आगजनी और तोड़-फोड़ की खबर है।
पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार समेत सीपीआई (एम) के नेताओं का आरोप है कि सत्ताधारी पार्टी बीजपी के कार्यकर्ता हिंसा और तोड़-फोड़ के लिए जिम्मेदार हैं।
हालांकि, बीजेपी नेताओं ने सीपीआई के इन आरोपों का खंडन किया है। ये हिंसक घटनाएं अगरतला और राज्य के तीन अन्य जिलों में हुई है। वैसे तो झड़प किन वजहों से हुई ये साफ नहीं हो पाया है।
Fascistic assaults.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) September 8, 2021
CPIM offices across Tripura continue to be attacked by the ruling BJP. Thousands of party workers injured, party properties destroyed including houses of party leaders.
Shall be resisted and defeated. pic.twitter.com/WZ81DAODXY
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लेकिन बताया यह जा रहा है कि जब सीपीआई (एम) की यूथ विंग ने गोमती जिले के उदयपुर में रैली निकाली, इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं का एक समूह भी वहां मौजूद था। इस दौरान दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता आपस में भीड़ गए और बवाल शुरू हो गया।
त्रिपुरा वाम मोर्चा के संयोजक बिजन धर ने बताया, “बिशालगढ़ में माकपा के जिला कार्यालय को पहले एक बुलडोजर से क्षतिग्रस्त किया गया और फिर आग लगा दी गई, जिससे अधिकांश संपत्ति और कागजात जलकर राख हो गए। अगरतला और राज्य के अन्य स्थानों में छह गाड़ियां और एक दर्जन से अधिक दोपहिया वाहन जला दिए गए।”
The attack on the party offices of the @cpimspeak , the main opposition party, in Tripura exposes the fascistic nature exhibited by the BJP in the State. The CPI(M), its members, and supporters will not be silenced by such acts of violence. #EndBJPsTripuraTerror pic.twitter.com/3k9DNcRafD
— CPI(M) Kerala (@CPIMKerala) September 9, 2021
बताया जा रहा है कि कई स्थानीय पत्रकारों पर भी हमले हुए हैं। जिसमें प्रतिबाडी कलाम और सीपीआई (एम) का दैनिक देशेर कथा के अलावा पीबी 24 और स्थानीय टीवी चैनल और पत्रकार शामिल हैं। कई पत्रकार हिंसा में घायल हुए हैं।
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हिंसक घटना की निंदा करते हुए सीपीआई (एम) ने ट्विटर पर आगजनी और तोड़फोड़ की तस्वीरें साझा की हैं। पार्टी संयोजक बिजन धर ने मीडिया को बताया, “मंत्रियों, राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और सदस्यों से विपक्षी पार्टी के सदस्यों और उनके कार्यालयों पर हमले जारी रखने का आग्रह कर रहे हैं।”
CPI(M) strongly condemns planned orchestrated attacks on party offices across Tripura by BJP mobs. They even entered the State office and destroyed furniture. This is a fascistic attack on the main opposition in Tripura to browbeat and silence the CPI(M). They will not succeed pic.twitter.com/U6JYLqIXlr
— CPI (M) (@cpimspeak) September 8, 2021
उन्होंने आगे बताया, “बुधवार को हुए सिलसिलेवार हमलों में नेता नानी पॉल और पार्थ प्रतिम मजूमदार समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए। हमारे युवाओं ने रोजगार की मांग करते हुए उदयपुर में रैली का आयोजन किया लेकिन अनुमति मिलने के बावजूद पुलिस ने रैली को रोका।”
सीपीआई संयोजक ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, “भाजपा के गुंडों’ ने पार्टी कार्यालयों में पूर्व मुख्यमंत्री दशरथ देब और अन्य दिवंगत पार्टी नेताओं की प्रतिमा और तस्वीरों को नुकसान पहुंचाया है।”
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इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, त्रिपुरा पुलिस मुख्यालय ने एक बयान में कहा कि तीन जगहों से शुरुआती रिपोर्ट्स आई हैं जहां झड़प हुई हैं। इस बीच एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उदयपुर जिले में झड़प के दौरान माफिज मियां के घायल होने के बाद केस दर्ज किया गया है और दो लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है।
BJP mob shouting Jai Sriram attacks Tripura West District CPI(M) office in Melarmath, Agartala in full view of police. These kind of attacks continue throughout the state with the State Govt instructing the Police not to act against the BJP goons. Shameful!#EndBJPsTripuraTerror pic.twitter.com/SLVe4FmQN5
— CPI (M) (@cpimspeak) September 9, 2021
उधर, बीजेपी प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्जी ने कहा कि माणिक सरकार खुद त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में, शांतिपूर्ण राज्य में अराजकता पैदा करने के लिए हिंसा भड़का रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि जब बीजेपी सदस्य और नेता अगरतला और राज्य के अन्य हिस्सों में रैलियां कर रहे थे, तो सीपीआई (एम) कार्यकर्ताओं ने उन पर पथराव किया।
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