यास ने ली अब तक 4 की जान, बंगाल में 3 लाख घर तबाह, गांव का गांव सैलाब में डूबा

यास ने ली अब तक 4 की जान, बंगाल में 3 लाख घर तबाह, गांव का गांव सैलाब में डूबा

बंगाल की खाड़ी के पश्चिमोत्तर में बने चक्रवाती तूफान यास बुधवार की करीब 9 बजे सुबह उत्तरी ओडिशा के समुद्र तट और उससे सटे पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों से टकराया। अब तक इसकी वजह से कम-से-कम चार लोगों के मौत की पुष्टि हुई है। जिसमें से तीन लोगों की मौत ओडिशा और एक की मौत पश्चिम बंगाल में हुई है। जबकि अकेले पश्चिम बंगाल में तकरीबन तीन लाख घर तबाह हो गए हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने स्थानीय मीडिया के हवाले से खबर दी है कि कियोंझर और बालासोर में दो लोगों की मौत पेड़ गिरने से हुई है। हालांकि, फिलहाल इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। वहीं, मयूरभंज जिले में घर ढहने से एक बुजुर्ग महिला की मौत हुई है।

दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि उनके राज्य में एक व्यक्ति की मौत हुई है जिसे शुरुआत में बचा लिया गया था पर बाद में उसकी मौत हो गई। सरकार का दावा है कि इस प्राकृतिक आपदा के चलते कम-से-कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।

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ममता बनर्जी ने लोगों से कहा है कि वे अपने-अपने घरों में रहें, बाहर न निकलें। खासकर पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा, हुगली, पुरुलिया और नदिया के लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पत्रकारों को बताया कि यास के कारण राज्य में तीन लाख से अधिक घर तबाह हो गए हैं जबकि एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, “लगभग पूरे पश्चिम बंगाल में पानी भर गया है। कई तटबंध टूट गए हैं और समुद्र का पानी दक्षिण 24 परगना के सागर एवं गोसाबा जैसे क्षेत्रों और पूर्व मिदनापुर के मंदारमणि, दीघा और शंकरपुर जैसे तटीय क्षेत्रों में घुस गया है। निचले इलाकों में व्यापक क्षति हुई है।”

वहीं, ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी.के. जेना ने बताया कि बालासोर जिले के बहनागा और रेमुना ब्लॉक और भद्रक जिले के धामरा और बासुदेवपुर के कई गांवों में समुद्री पानी घुस गया। बालासोर, भद्रक, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा सबसे अधिक प्रभावित होने वाले इलकें हैं।

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उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों की मदद से प्रशासन गांवों से पानी निकालने के लिए कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि मयूरभंज जिले के सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान में भारी बारिश के कारण बुधबलंग नदी में अचानक बाढ़ आने की आशंका जताई है। दोपहर में नदी का जलस्तर 27 मीटर के खतरे के स्तर के मुकाबले 21 मीटर पर था।

बता दें कि यास तूफान सुबह 10.30 से 11.30 बजे के बीच बालासोर पहुंचा जहां पर हवा की रफ्तार 130-140 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक, कुछ इलाकों में हवा की रफ्तार 155 किलोमीटर प्रति घंटा थी और कुछ जगहों पर समुद्र में दो मीटर से ऊंची लहरें उठ रही थीं। इससे पहले ओडिशा सरकार ने अपने यहां पर 5.8 लाख लोगों को और पश्चिम बंगाल ने 15 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा था।


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