केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के आज 6 माह पूरे हो गए। किसान संगठन आज इस मैके पर ‘ब्लैक डे’ मना रहे हैं। बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर किसानों ने कहा कि वे केंद्र सरकार के खिलाफ अपने विरोध फिर से और तेज करेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं ने कहा कि उन्हें डराकर और थकाकर डिगाया नहीं जा सकता। जब तक सरकार उन पर दर्ज सभी मुकदमें वापस नहीं लेती और उनकी सभी मांगों को नहीं मान लेती वह दिल्ली की सीमाओं से वापस नहीं जाएंगे। इसके अलावा किसानों ने बुधवार को गाजियाबाद बॉर्डर समेत दूसरे धरना स्थलों पर काला दिवस मनाया।
Farmers at Ghaziabad border protest and observe ‘black day’, as their agitation against Farm Laws continues. pic.twitter.com/gsnps8w2uy
— ANI (@ANI) May 26, 2021
इस मौके पर अपनी बात को साझा करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि किसानों ने दिल्ली समेत सभी धरना स्थलों पर बुद्ध पूर्णिमा पर्व मनाने की घोषणा की है। धरना स्थलों पर काले झंडे लगाकर और सरकार के पुतले जलाकर विरोध करने की तैयारी है।
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संयुक्त किसान मोर्चा नेता बलवीर सिंह राजेवाल, डॉ. दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हनन मौला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उग्राहां, युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव, अभिमन्यु कोहाड़ के नाम से जारी की गई प्रेस वार्ता में कहा गया है कि किसान सत्य और अहिंसा के दम पर अपना आंदोलन आगे बढ़ा रहे हैं। लेकिन किसानों के इस आंदोलन को भाजपा नीत केंद्र सरकार ने कई बार हिंसक रंग देने का प्रयास किया पर वो हमेशा विफल हुई। किसानों ने सत्य के दम पर अपने आप को मजबूत रखा है। इसी ताकत के दम पर किसान अपने आंदोलन को सफल होने तक जारी रखेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 26 मई 2014 को पहली बार मोदी सरकार बनी। सरकार ने तब से इन 7 सालों में किसानों, मजदूरों, गरीबों, दलितों, महिलाओं, आदिवासियों, छात्रों, युवाओ, छोटे व्यापारियों और सामान्य नागरिकों के खिलाफ फैसले किए। 26 मई 2021 को मोदी सरकार के 7 साल होने पर संयुक्त किसान मोर्चा इसे विरोध दिवस के रूप में मनाएगा।
#FarmersProtest | People put up black flags at their houses and tractors in Chabba village of Amritsar, Punjab as the protestors against the Farm Laws observe ‘#BlackDay‘.
— NDTV (@ndtv) May 26, 2021
(ANI) pic.twitter.com/j4977xbF1t
वही, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, “सरकार ने मांगें नहीं मानीं। काले कानून नहीं हटाए। हमारे लिए यह ‘काला दिन’ है और ऐसे मौके पर किसान काले झंडे ही लगा रहे हैं।
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👉Images being sent by farmers from Punjab, Haryana & other parts of India
— Saahil Murli Menghani (@saahilmenghani) May 26, 2021
👉They are hoisting black flags at their homes
👉Farmers are today observing #NationalBlackDay & #Black_Day_Of_Farmers
👉Today marks 6 months of #FarmersProtest & 7 years of Modi as PM 👇 pic.twitter.com/CpLF1yXPXi
उन्होंने आगे कहा, “आज हम काला दिवस मना रहे हैं, 6 महीने यहां पर हो गए हैं। लेकिन सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है। इसलिए हम काले झंडे हाथ में लिए हुए हैं। ये सब शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। हम कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। बाहर से कोई किसान यहां नहीं आएंगे।”
किसानों के ‘काला दिवस’ मनाने की बात को देखते हुए दिल्ली के कई जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। ग्रेटर कैलाश के एसएचो ने बताया, “हम सभी गाड़ियों की जांच कर रहे हैं, चाहे वो परमिट गाड़ी भी हो। क्योंकि कहीं उस गाड़ी में कोई किसान न जा रहा हो।” वहीं गाजीपुर बॉर्डर से जहां पर किसानों ने प्रदर्शन किया। किसानों ने पुतला जलाकर विरोध जताया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है।
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