मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में नया मोड़ आ गया है। दरअसल, विजिलेंस विभाग ने NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। अपने पद पर समीर वानखेड़े बने रहेंगे या नहीं, अब इसपर भी संशय के बादल मंडराने लगे हैं।
NCB के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ज्ञानेश्वर सिंह ने एक बयान में कहा कि समीर वानखेड़े पर लगे भ्रष्टचार के आरोपों की विजिलेंस जांच हो रही है। हालांकि, जब उन से पूछा गया कि क्या समीर पद पर बने रहेंगे? इस सवाल पर ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि वह पद पर बने रहेंगे या नहीं इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता।
बताया जा रहा है कि कल मंगलवार को समीर वानखेड़े दिल्ली आने वाले हैं। दिल्ली स्थित NCB हेडक्वार्टर में उनको लेकर चर्चा भी हो रही है। NCB में उनको लेकर आंतरिक जांच भी हो रही है। डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि जारी जांच को वह सुपरवाइज कर रहे हैं।
A report from DDG SWR was received by our DG, he has marked an enquiry to vigilance section …Chief Vigilance officer will be dealing with the enquiry appropriately… Enquiry has just begun, not right to comment on any officer: Gyaneshwar Singh, DDG NCB on Sameer Wankhede pic.twitter.com/AclTZQfNXC
— ANI (@ANI) October 25, 2021
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ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि वह पद पर रहेंगे या नहीं, इसपर कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी क्योंकि जांच अभी शुरू हुई है। खबरों के मुताबिक, डिप्टी डायरेक्टर को NCB पर लगे आरोपों को लेकर मुंबई NCB के अधिकारियों ने मेल के जरिए एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली में समीर वानखेड़े किसी रिव्यू मीटिंग के लिए पहुंच रहे हैं। इस दौरान डीजी सत्य नारायण प्रधान समीर से NCB पर लगे आरोपों पर भी बात करेंगे। समीर वानखेड़े पर रविवार को आरोप लगने के बाद अब NCB ने सेशन कोर्ट में नया हलफनामा दायर किया है।
दायर हलफनामा में वानखेड़े की ओर से कहा गया है कि उनको केस की शुरुआत से टारगेट किया जा रहा है। कोर्ट में समीर ने कहा, “मेरे परिवार, मेरी मृतक माँ, पिता को निशाना बनाया जा रहा है।” उनकी तरफ से आग कहा गया कि जांच को प्रभावित किया जा रहा है, उनकी इमेज खराब करने की कोशिश की जा रही है।
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उल्लेखनीय है कि आर्यन खान केस में रविवार को उस समय बड़ा नाटकीय मोड़ आ गया जब प्रभाकर सैल नाम के एक गवाह ने NCB पर पैसा उगाही का इल्जाम लगा दिया। प्रभाकर सैल का कहना है कि वे किरण गोसावी के बॉडीगार्ड थे और छापेमारी के बाद उन्हें NCB की ओर से गवाह नंबर- 1 बनाया था।
लेकिन, प्रभाकर का कहना है कि बतौर पंच उनसे पंचनामा पर जबरदस्ती दस्तख्त करवाया गया था। उन्होंने ये भी खुलासा किया कि उनसे NCB अधिकारियों ने ब्लैंक पेपर पर साइन करवाया था। इसके बाद उन्होंने दावा किया कि समीर वानखेड़े ने 25 करोड़ रुपये की डिमांड की थी।
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