11वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा, किसान बोले- अब बैठक तभी जब सरकार मानेगी हमारी मांगें

11वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा, किसान बोले- अब बैठक तभी जब सरकार मानेगी हमारी मांगें

कृषि कानून कानून को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच शुक्रवार को 11वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। सरकार ने किसानों से आज की बैठक में कहा, “सरकार आपके सहयोग के लिए आभारी है। कानून में कोई कमी नही है। हमने आपके सम्मान में प्रस्ताव दिया था। आप निर्णय नहीं कर सके। आप अगर किसी निर्णय पर पहुँचते है तो सूचित करें। इस पर फिर हम चर्चा करेंगे।”

फिलहाल, आगे की कोई तारीख तय नहीं की गई है। वार्ता के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “कृषि कानूनों पर सरकार डेढ़ साल तक रोक लगाने के लिए तैयार है। इससे बेहतर प्रस्ताव सरकार नहीं दे सकती। अगर किसान बातचीत करने को तैयार हैं तो ये कल भी हो सकती है। कृषि मंत्री ने बातचीत के लिए किसानों का धन्यवाद किया।”

नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक में कहा, “हमने जो प्रस्ताव दिया है वह आपके हित के लिए है। इससे बेहतर हम कुछ नहीं कर सकते। अगर आप का विचार बने एक बार सोच लीजिए। हम फिर मिलेंगे, लेकिन अगली कोई तारीख तय नहीं की गई।”

वहीं राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा, “लंच ब्रेक से पहले, किसान नेताओं ने कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग दोहराई और सरकार ने कहा कि वे संशोधन के लिए तैयार हैं। मंत्री ने हमें सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा और हमने उसे हमारी मांग पर विचार करने के लिए कहा। उसके बाद मंत्री बैठक छोड़कर चले गए, तब से किसान नेता मंत्री के बैठक में लौटने की इंतजार कर रहे हैं।”

दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, “सरकार की तरफ से कहा गया कि 1.5 साल की जगह 2 साल तक कृषि कानूनों को स्थगित करके चर्चा की जा सकती है।” उन्होंने आगे कहा, “अगली बैठक केवल तभी हो सकती है जब किसान यूनियनें सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार हों, कोई अन्य प्रस्ताव सरकार ने नहीं दिया। टिकैत ने कहा कि योजना के अनुसार, ट्रैक्टर रैली 26 जनवरी को होगी।

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