सुप्रीम कोर्ट ने कहा- साम्प्रदायिकता परोस रहा है मीडिया, हो रही देश की छवि खराब

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- साम्प्रदायिकता परोस रहा है मीडिया, हो रही देश की छवि खराब

सोशल मीडिया और यूट्यूब पर फर्जी खबरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नाराजगी जताई। कोर्ट ने माना की मीडिया के जरिए देश में सांप्रदायिक खबरें परोसी जा रही है।

चीफ जस्टिस एन.वी. रमन्ना ने कहा कि जजों के लिए भी सोशल मीडिया पर बुरा-भला लिखा जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान तब्लीगी मामले को लेकर यह भी कहा कि मीडिया के एक वर्ग में दिखाई जाने वाली खबरों में सांप्रदायिकता का रंग दिया गया था, जिससे देश की छवि खराब होती है।

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चीफ जस्टिस एन.वी. रमन्ना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना की पीठ ने ये बातें जमीयत उलेमा-ए-हिंद की फर्जी खबरों के प्रसारण पर रोक के लिए याचिका सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कही।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, साम्प्रदायिकता परोस रहा है मीडिया, हो रही देश की छवि खराब

दरअसल, अपनी याचिका में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने निजामुद्दीन स्थित मरकज में धार्मिक सभा से संबंधित फर्जी खबरें फैलाने से रोकने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई मांग की है। इसके लिए संस्था ने केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध भी किया है।

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जजों की पीठ ने पूछा, “निजी समाचार चैनलों के एक वर्ग में दिखाई हर चीज साम्प्रदायिकता का रंग लिए है। आखिरकार इससे देश की छवि खराब हो रही है। क्या आपने (केंद्र) इन निजी चैनलों के नियमन की कभी कोशिश भी की है।”

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में ये भी कहा कि सोशल मीडिया केवल शक्तिशाली आवाजों को सुनता है और न्यायाधीशों, संस्थानों के खिलाफ बिना किसी जवाबदेही के कई चीजें लिखी जाती हैं।


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