लंदन: स्कॉटलैंड के लेखक डगलस स्टुअर्ट को बुकर पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया है। डगलस को यह पुरस्कार उनकी किताब ‘शगी बेन’ के लिए दिया जाएगा। इसकी घोषणा गुरूवार को बुकर पुरस्कार फाउंडेशन ने की।
डगलस को जिस किताब के लिए यह पुरस्कार मिल रहा है वो उनकी डेब्यू नॉवेल है। अब तक कि बुकर पुरस्कार के लिए नॉमिनेट हुई यह दूसरी स्कॉटिश नॉवेल है। बता दें कि इस पुरस्कार के जीतने वाले को 50 हजार पाउंड यानी करीब 50 लाख रुपये दिए जाते हैं। बुकर की रेस में भारतीय मूल की लेखिका अवनि दोशी भी थीं। उनकी किताब ‘बर्न्ट शुगर’ भी रेस में काफी आगे चल रही थी लेकिन ये सफलता डगलस स्टुअर्ट को मिली।
बुकर की दौड़ में इस बार कुल छह किताबें थीं। इस पुरस्कार का निर्णय करने वाली जूरी में ली चाइल्ड, एमिली विल्सन, समीर रहीम और लेन सिसे शामिल रहे जिसे मारग्रेट बस्बी चेयर कर रही थीं। डगलस की किताब ‘शगी बेन’ में एक छोटे लड़के की कहानी है। कहनी का प्लॉट 1980 के दशक का है। लड़का ग्लासगो, स्कॉटलैंड के सरकारी मकानों में कहीं रहता था। उसके पिता शैगी और उसके भाई-बहनों को छोड़कर चले गए थे। उनकी माँ ने उनकी परवरिस की थी जो कि खुद एक शराबी थीं।
शगी बेन है एक राजनीतिक नॉवेल
गार्जियन अखबार में ‘शगी बेन’ का रिव्यू लिखने वाले एलेक्स प्रेस्टन का कहना है कि यह एक बेहद गम्भीर राजनीतिक नॉवेल है, जो ग्लासगो के समाज पर से पर्दा उठाकर रख देती है जहां लोग सभ्य होने का दिखावा करते आए हैं। डगलस स्टुअर्ट अपने इस नॉवेल के जरिए गरीबी और उससे जुड़ी सच्चाइयों पर बात करते हैं। डगलस ने इस नॉवेल को लिखने के लिए 10 साल से भी अधिक का समय लिया। डगलस ने अपने इस नॉवेल को अपनी माँ के नाम समर्पित की है जो एक शराबी थीं और उनकी मौत जब स्टुअर्ट 16 साल के थे तभी हो गई थी।
ये किताबें भी थीं मुकाबले में
बुकर पुरस्कार की रेस में दुबई में रह रही भारतीय मूल की लेखिका अवनि दोशी की किताब ‘बर्न्ट शुगर’ भी शामिल थी। अमेरिका में जन्मी और वर्तमान में दुबई में रह रहीं अवनि की के अलावा बुकर पुरस्कार की दौड़ में जिम्बावे के लेखक सिटसी दांगारेंबगा की किताब ‘दिस मॉरनेबल बॉडी, अमेरिकी लेखक डायना कुक की ‘द न्यू वाइल्डनेस, माजा मैन्जिस्टे की ‘द शैडो किंग’, ब्रांडन टेलर की किताब ‘रियल लाइफ’ और न्यूयॉर्क में रह रहे स्कॉटलैंड के लेखक डगलस स्टुअर्ट की ‘शगी बेन’ शामिल थीं।
Leave a Reply