रमन सिंह के बेटे सहित 16 लोगों पर दंगा भड़काने का आरोप, FIR दर्ज

रमन सिंह के बेटे सहित 16 लोगों पर दंगा भड़काने का आरोप, FIR दर्ज

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रमन सिंह के बेटे के खिलाफ दंगा भड़काने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, 3 अक्टूबर से लेकर अब तक 5 अलग-अलग कई मामले दर्ज किए गए हैं। अब तक 93 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। रमन सिंह के बेटे सहित सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 153 (क), 188, 295, 332, 353, 109 और लोक संपत्ति की क्षति की धारा 3 के तहत केस दर्ज किया गया है।

जैसा कि मालूम है कि छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में बीते दिनों दो पक्षों के बीच हिंसक छड़प हुई थी। हिंसा के दौरान, शहर में रमण सिंह के बेटे और पूर्व भाजपा सांसद अभिषेक सिंह और भाजपा सांसद संतोष पांडेय के नेतृत्व में एक बड़ी रैली निकाली गई थी, जिसमें विवादित नारे लगाए गए थे। रैली का वीडियो शुक्रवार को वायरल हुआ था जिसके बाद अभिषेक सिंह की भूमिका को लेकर सवाल उठाए गए थे।

खबरों के मुताबिक, जिला प्रशासन ने अभिषेक सिंह के अलावा बीजेपी सांसद संतोष पांडेय और पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी समेत भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के 16 नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अभिषेक सिंह का कहना है कि पुलिस राजनीतिक दबाव में काम कर रही है।

रमन सिंह के बेटे सहित BJP के 16 लोगों पर दंगा भड़काने का आरोप, FIR दर्ज

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अभिषेक सिंह का जिला कबीरधाम है। बीते लोकसभा चुनाव में गृह जिले में भाजपा की बुरी हार हुई थी। यहां से राज्य में सर्वाधिक मतों के अंतर से जीत का रिकॉर्ड बना कर कांग्रेस पार्टी के मोहम्मद अकबर इस इलाके से विधायक चुने गए थे। मोहम्मद अकबर अभी राज्य के वन मंत्री हैं। माना जा रहा है कि पिछली हार को देखते हुए भाजपा द्रुवीकरण में लगी है ताकि आगे चलकर चुनावी लाभ लिया जा सके।

पुलिस ने बताया कि हिंसक भीड़ ने मंगलवार को कई घरों पर हमला किया था और धर्मस्थलों को घेर कर नारेबाजी की थी। शहर में हुई हिंसा के बाद जिला मुख्यालय में कर्फ्यू लागू करना पड़ा था और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हिंसा के कई वीडियो सामने आने के बाद पुलिस को शहर में हुई हिंसा के वीडियो को सार्वजनिक करने और उनमें नजर आने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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सीएम बघेल ने कहा, “मैंने निर्देश दिया है कि सच्चाई को सामने लाया जाए और एडीजी विवेकानंद जी से मैंने कहा है कि उसके बारे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के पूरे प्रदेश की जनता को उससे अवगत कराएं।”

वहीं, पुलिस का कहना है कि लोहारा नाका चौक पर रविवार को बिजली के खंबे पर एक झंडा लगाने और फिर उसे उतारने को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई। झंडा लगाने वाले युवक के साथ भी मारपीट की गई। घटना के दो दिन बाद यानी मंगलवार को भाजपा और विश्व हिंदू परिषद ने कबीरधाम को बंद रखने का एलान कर दिया। हालांकि, प्रशासन ने धारा 144 लागू की हुई थी पर भारी संख्या में पहुंची भीड़ ने एक बड़ी रैली निकाली जिसमें साम्प्रदायिक नारे लगाए गए। इसके बाद से विवाद बढ़ता चला गया।

पुलिस ने बताया कि रैली के दौरान कबीरधाम जिले में सुनियोजित तरीके से भीड़ को भड़काने की कोशिश की गई। बंद की रैली के लिए कई पड़ोसी जिलों से लोग मंगलवार को शहर पहुंचे और उन्होंने जगह-जगह तोड़फोड़ और आगजनी की। इतना ही नहीं, पुलिसवालों पर भी भीड़ ने हमला किया गया। इसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

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हालांकि, रैली निकालने और मुकदमा होने को लेकर अभिषेक सिंह ने कहा है कि पुलिस का दुरुपयोग किया जा रहा है और कांग्रेस पार्टी की सरकार आने के बाद से ही पुलिस प्रशासन को पंगु बना कर रखा गया है।

पूर्व भाजपा सांसद ने कहा, “एफआईआर में हम सबका नाम जोड़ा गया है। लेकिन जब मीडिया ने वहां के पुलिस अधिकारी से सवाल किया कि आप क्या कहना चाहते हैं कि इन सभी प्रमुख व्यक्तियों पर क्या एफआईआर हुई है तो वहां के पुलिस के अधिकारी को शायद यह जानकारी ही नहीं थी कि कौन-सी धाराएं लगी हैं। क्या यह हास्यास्पद स्थिति नहीं है?”

रमन सिंह के बेटे सहित BJP के 16 लोगों पर दंगा भड़काने का आरोप, FIR दर्ज

अपने बेटे की तरह पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमे को राजनीति से प्रेरित मानते हैं। रमन सिंह ने कहा, “राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ, सांसद, पूर्व सांसद, विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज़ किए जा रहे हैं। मुझे लगता है कि इस प्रकार की परिस्थिति पैदा की जा रही है और जानबूझ कर एक समूह को प्रताड़ित करने का प्रयास किया जा रहा है। गांव-गांव में यदि स्थिति विस्फोटक होगी, आज तो हम शांति से इसका हल ढूंढना चाहते है मगर जिस प्रकार से प्रशासन का उपयोग राजनीतिक दृष्टि से किया जा रहा है, ये स्थिति को और खराब करना चाहते हैं।”

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कबीरधाम हिंसा विवाद में सक्रिय भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा ने चेतावनी दी है कि इस हिंसा में शामिल होने वालों की रिहाई नहीं हुई तो वे इलाके के विधायक और मंत्री मोहम्मद अकबर को कबीरधाम में घुसने नहीं देंगे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 40 वर्षीय अभिषेक सिंह का पनामा पेपर्स लिक में भी सामने आ चुका है। अभिषेक सिंह ने 2014 के लोकसभा चुनाल में भाजपा की टिकट पर राजनंदगांव लोकसभा से चुनाव लड़ा था और सांसद बने थे।

उसके दो साल बाद यानी 9 मई 2016 को आईसीआईजे द्वारा जारी पनामा के दस्तावेजों में अभिषेक सिंह का नाम सामने आया था। इस दस्तावेज में अभिषेक सिंह का पता रमन मेडिकल स्टोर, कवर्धा का निवासी बताया गया था, जो अभिषेक सिंह का असली पता है। कांग्रेस इस मामले को लेकर चुनावों में अभिषेक सिंह के बहाने रमन सिंह को घेरती रही है। हालांकि अभिषेक सिंह विदेशी अकाउंट से संबंधित आरोपों को झूठा और राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं।


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