संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी मामले को लेकर शनिवार को दिल्ली के प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेस आयोजित किया। संगठन से जुड़े किसान नेता इस दौरान कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा पूर्वनियोजित साजिश थी। प्रेस कॉन्फ्रेस में राकेश टिकैत समेत कई वरिष्ठ किसान नेता मौजूद थे।
प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने साफ शब्दों में कहा कि वे उन्हें अपराधी नहीं मानते, जिन्होंने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में भाजपा के कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर हत्या की। टिकैत ने कहा कि चुंकि उन्होंने किसानों पर ऊपर कार चढ़ाए थे इसलिए प्रदर्शनकारियों के तरफ से प्रतिक्रिया में ऐसा किया गया।
टिकैत ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा, “लखीमपुर खीरी में कारों के एक काफिले ने चार किसानों को रौंद दिया, जिसके जवाब में भाजपा के दो कार्यकर्ता मारे गए। यह क्रिया के बदले की गई प्रतिक्रिया थी। मैंने हत्या में शामिल लोगों को अपराधी नहीं मानता।”
#WATCH | "That was the reaction to the action. There was no planning involved and that doesn't amount to murder," says BKU leader Rakesh Tikait on the killing of three BJP workers during the Lakhimpur Kheri violence pic.twitter.com/se2NViuu2Z
— ANI (@ANI) October 9, 2021
ये भी पढ़ें: अब शाहरुख खान के ड्राइवर को NCB ने भेजा समन, आर्यन की भूमिका को लेकर पूछताछ जारी
किसान नेताओं कहा कि यह घटना एक सुनियोजित साजिश थी। ऐसे में अजय मिश्रा को उनके पद से हटा देना चाहिए क्योंकि उन्होंने यह साजिश रची और वह इस मामले में दोषियों को बचा रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि 15 अक्टूबर को दशहरे के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के पुतले जलाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
साथ ही उन्होंने कहा कि 18 अक्टूबर को ‘रेल रोको अभियान’ चलाया जाएगा। जिसमें सुबह 10 से 4 बजे तक देश में हर जगह रेल रोकी जाएगी। इसके बाद, लखनऊ में 26 अक्टूबर को महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। किसान नेताओं से सभी से तिकुनिया में पहुंचने की अपील की है।
इसके अलावा, किसान नेता राकेश टिकैत ने आज इंडिया टुडे के कॉन्क्लेव कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने लखीमपुर खीरी मामले किसानों का दाह-संस्कार कराने में जल्दीबाजी नहीं की? उनसे ये भी पूछा गया कि क्या उनका बीजेपी से कोई समझौता हुआ है?
ये भी पढ़ें: आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी को लेकर किसानों ने खोला मोर्चा, बनाया ये प्लान
टिकैत ने इसके जवाब में सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने बीजेपी से कोई समझौता नहीं किया है बल्कि आग लगने से बचा लिया। क्योंकि घर के सामने मृत शरीर पांच दिनों तक रखकर समझौता नहीं किया जा सकता है। अंतिम संस्कार तक सारी बातें मानी गईं।
उन्होंने कहा कि मृतकों के परिवारों को मुआवजा दिया गया, सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने गृहराज्य मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि अजय मिश्रा टेनी के मंत्री रहते हुए उनके बेटे आशीष मिश्रा पर लगे आरोप की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है। इसलिए गृह राज्य मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
उल्लेनीय है कि लखीमपुर खीरी में मारे गए लवप्रीत सिंह (19), नक्षत्र सिंह (65) और दलजीत सिंह (42) का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया है। लेकिन गुरविंदर सिंह (22) का अंतिम संस्कार रोक दिया गया था। सभी दाह-संस्कार टिकैत के आने तक रोककर रखा गया था।
माना गया था कि आरोपियों की गिरफ्तारी तक टिकैत अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे। लेकिन, हुआ उलट; टिकैत ने सरकार की सभी बातों को मानते हुए किसानों का अंतिम संस्कार करा दिया था। इसके बाद से उनका भाजपा के साथ डील होने की बात कही जा रही है।
(प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी फॉलो कर सकते हैं।)
Leave a Reply