केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार शाम को किसानों की ट्रैक्टर रैली में मचे बवाल के बीच उच्चस्तरीय बैठक की। गृह मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि हिंसा वाली जगहों पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की जाएगी। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजधानी में हुई हिंसा पर चिंता जाहिर की है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है और इस कानून को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। चोट किसी को भी लगे, नुकसान हमारे देश का ही होगा। देशहित के लिए कृषि-विरोधी कानून वापस लो!”
हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। चोट किसी को भी लगे, नुक़सान हमारे देश का ही होगा।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 26, 2021
देशहित के लिए कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो!
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वहीं दूसरी तरफ इस मामले में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने दावा किया कि कुछ राजनीतिक पार्टियों के लोग आंदोलन में शामिल होकर गड़बड़ी की है। उन्होंने कहा, “हम उन लोगों को जानते हैं जो अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, उनकी पहचान हो गई है। ये राजनीतिक दलों के लोग हैं जो आंदोलन को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।”
We know the people who are trying to create disturbance, they are identified. There are people from political parties who are trying to malign the agitation: Rakesh Tikait, Spox, BKU, when asked that there are allegations that protests have gone out of the hands of farmer leaders pic.twitter.com/LRwPnFz2Xx
— ANI (@ANI) January 26, 2021
इससे पहले स्वराज इंडिया पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की खबरों पर कहा, “तीन-चार जगहों पर बैरिकेड तोड़ने की खबर मिली है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि परेड के लिए जो रूट तय हुआ है, उसी पर जाएं। जहां तक हिंसा की बात है तो हमने पहले ही कह दिया था कि सिंघु बॉर्डर पार जो लोग हैं, वो हमारे संगठन का हिस्सा नहीं हैं और वे इस तरह की शरारत कर सकते हैं।”
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इसके अलावा किसान नेता एवं किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने भी एक ऑडियो मैसेज जारी की। ऑडियो मैसेज में कहा, “लाल किले तक जाने का कोई प्रोग्राम नहीं है। हमें रिंग रोड से मार्च करते हुए कुंडली बॉर्डर तक वापस आना है। जो लोग लाल किले तक चले गए हैं, उनसे विनती है कि वे कुंडली बॉर्डर पर वापस आ जाएं।”
उन्होंने कहा कि ये एक शांतिपूर्वक कार्यक्रम है, इसे बदनाम मत कीजिए। इससे किसान आंदोलन को नुकसान पहुंचेगा। बता दें कि किसान कृषि कानूनों के खिलाफ दो महीने से भी ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
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