नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को इन दिनों हर मुद्दों पर बोलते देखा गया है। चाहे वो कोरोना की हो या फिर देश की अर्थव्यवस्था पर वो खुलकर अपनी बात रखते आए हैं। इस बार उन्होंने एक बार फिर मोदी सरकार को घेरा है। इस बार उन्होंने सरकार से बैंकों और जीडीपी की खस्ता हालत, महंगाई और बेरोजगारी को लेकर सवाल पूछा है।
राहुल गांधी ने ट्वीटर पर एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने सरकार से पूछा है कि यह विकास है या विनाश। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “बैंक मुसीबत में हैं और GDP भी। महंगाई इतनी ज्यादा कभी नहीं थी, ना ही बेरोजगारी। जनता का मनोबल टूट रहा और सामाजिक न्याय प्रतिदिन कुचला जा रहा है। विकास या विनाश?”
देश में बेरोजगारी और महंगाई से लोगों का बुरा हाल है। जीडीपी ऐतिहासिक गिरावट के साथ माइनस में है। उसपर एक के बाद एक बैंक धराशाई हो रहे हैं। मालूम हो इस लिस्ट में लक्ष्मी विलास बैंक का नाम भी जुड़ गया है। तमिलनाडु के प्राइवेट सेक्टर के लक्ष्मी विलास बैंक पर केंद्र सरकार ने एक महीने के लिए उनपर कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। बैंक के बोर्ड को सुपरसीड कर दिया गया है और निकासी की सीमा तय कर दी गई है। ग्राहक 16 दिसंबर तक बैंक से अधिकतम 25 हजार रुपये ही निकाल सकते हैं। बताया जा रहा है कि यह कदम सरकार ने रिजर्व बैंक की सलाह पर किया है।
दरअसल, बैंक को 31 मार्च, 2019 को पीसीए थ्रेसहोल्ड के उल्लंघन को देखते हुए सितंबर 2019 में प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) फ्रेमवर्क के तहत रखा गया था। जिसके बाद बैंक ने 30 सितंबर को खत्म तिमाही के लिए 396.99 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा उठाया था, जोकि गैर-परिसंपत्तियों का प्रतिशत 24.45 प्रतिशत था।
एलवीबी ने पिछले वर्ष की इसी तिमाही में भी 357.17 करोड़ रुपये की हानि दर्ज की थी। इस क्रम में कई और बैंक है जो अब दिवालिया हो चुके हैं। जिसके कारण राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए यह पूछा है कि सरकार की निगाह में आखिर विकास किसे कहते हैं, क्योंकि अगर यह विकास है तो विनाश किसे कहते हैं?
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को इन दिनों हर मुद्दों पर बोलते देखा गया है। चाहे वो कोरोना की हो या फिर देश की अर्थव्यवस्था पर वो खुलकर अपनी बात रखते आएं हैं। इस बार उन्होंने एक बार फिर मोदी सरकार को घेरा है। इस बार उन्होंने सरकार से बैंकों और जीडीपी की खस्ता हालत, महंगाई और बेरोजगारी को लेकर सवाल पूछा है।
राहुल गांधी ने ट्वीटर पर एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने सरकार से पूछा है कि यह विकास है या विनाश। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “बैंक मुसीबत में हैं और GDP भी। महंगाई इतनी ज्यादा कभी नहीं थी, ना ही बेरोजगारी। जनता का मनोबल टूट रहा और सामाजिक न्याय प्रतिदिन कुचला जा रहा है। विकास या विनाश?”
देश में बेरोजगारी और महंगाई से लोगों का बुरा हाल है। जीडीपी ऐतिहासिक गिरावट के साथ माइनस में है। उसपर एक के बाद एक बैंक धराशाई हो रहे हैं। मालूम हो इस लिस्ट में लक्ष्मी विलास बैंक का नाम भी जुड़ गया है। तमिलनाडु के प्राइवेट सेक्टर के लक्ष्मी विलास बैंक पर केंद्र सरकार ने एक महीने के लिए उनपर कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। बैंक के बोर्ड को सुपरसीड कर दिया गया है और निकासी की सीमा तय कर दी गई है। ग्राहक 16 दिसंबर तक बैंक से अधिकतम 25 हजार रुपये ही निकाल सकते हैं। बताया जा रहा है कि यह कदम सरकार ने रिजर्व बैंक की सलाह पर किया है।
दरअसल, बैंक को 31 मार्च, 2019 को पीसीए थ्रेसहोल्ड के उल्लंघन को देखते हुए सितंबर 2019 में प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) फ्रेमवर्क के तहत रखा गया था। जिसके बाद बैंक ने 30 सितंबर को खत्म तिमाही के लिए 396.99 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा उठाया था, जोकि गैर-परिसंपत्तियों का प्रतिशत 24.45 प्रतिशत था।
एलवीबी ने पिछले वर्ष की इसी तिमाही में भी 357.17 करोड़ रुपये की हानि दर्ज की थी। इस क्रम में कई और बैंक है जो अब दिवालिया हो चुके हैं। जिसके कारण राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए यह पूछा है कि सरकार की निगाह में आखिर विकास किसे कहते हैं, क्योंकि अगर यह विकास है तो विनाश किसे कहते हैं?
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