कांग्रेस के लीडरशिप पर फिर उठे सवाल, सिब्बल बोले- पार्टी को विकल्प नहीं मानती जनता

कांग्रेस के लीडरशिप पर फिर उठे सवाल, सिब्बल बोले- पार्टी को विकल्प नहीं मानती जनता

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद कांग्रेस के प्रदर्शन पर सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि कांग्रेस को आवश्यकता से अधिक सीटें दी गईं। पहले तो एआईएमआईएम जैसी छोटी पार्टियों को हार के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। लेकिन जब सिमांचल से बाहर पार्टी के प्रदर्शन पर बात हुई तो पार्टी के अंदर से ही विरोध के स्वर खड़े होने लगे। कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने रविवार को महागठबंधन की नाकामी को लेकर कहा कि महागठबंधन में सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने में देरी से नुकसान हुई और अब इससे सबक लेते हुए पार्टी को दूसरे राज्यों में समय रहते सीटों के तालमेल की औपचारिकताओं को पूरा करना चाहिए।

वहीं कांग्रेस को सलाह देते हुए अनवर ने पार्टी कहा कि निराशाजनक प्रदर्शन को लेकर हमलोगों को आत्मचिंतन करने की जरूरत है। बिहार के चुनावी प्रदर्शन पर आत्मचिंतन करने को लेकर कांग्रेस आलाकमान गंभीर है और आने वाले समय में कारणों का पता लगाया जाएगा। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने अपनी पार्टी के प्रदर्शन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि लोग कांग्रेस को विकल्प नहीं मानते हैं। पार्टी की लीडरशिप पर सवाल उठाते हुए सिब्बल ने कहा कि पार्टी का बिहार चुनाव में प्रदर्शन पर कोई रुख सामने नहीं आया है। ऐसा लगता है कि पार्टी मान रही है कि सबकुछ ठीक है।

हालिया चुनावों और उप-चुनावों को लेकर कपिल सिब्बल ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ”सिर्फ बिहार में ही नहीं, बल्कि देश में जहां-जहां भी चुनाव और उप-चुनाव हुए हैं, वहां लोग कांग्रेस को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं। यह एक निष्कर्ष है। आखिरकार, बिहार में विकल्प आरजेडी ही थी। गुजरात विधानसभा उपचुनाव की सभी सीटों पर हमें हार का सामना करना पड़ा है। यहां तक कि लोकसभा चुनाव में भी हमें एक भी सीट नहीं मिली थी। वहीं, उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को दो फीसदी से भी कम वोट मिले। गुजरात में हमारे तीन उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई। मेरे कुलीग जोकि सीडब्ल्यूसी का हिस्सा हैं, उन्होंने बयान दिया था कि मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस आत्मनिरीक्षण करेगी।”

इतना ही नहीं सिब्बल ने पार्टी की लीडरशिप पर भी सवाल उठाए हैं। जब इंटरव्यू में उनसे सवाल पूछा गया कि बिहार हार को क्या पार्टी लीडरशिप एक और हार की तरह देख रही है, तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं मालूम। मैं यहां सिर्फ अपने बारे में बात कर रहा हूं। मैंने लीडरशिप को मुझे कुछ भी बताते हुए नहीं सुना। इसलिए, मुझे नहीं मालूम। मुझे बस लीडरशिप के आसपास वाली आवाजें ही सुनाई देती हैं। हमें अभी भी कांग्रेस पार्टी से बिहार चुनाव और उप-चुनाव में हालिया प्रदर्शन पर उनकी राय का इंतजार है। यह भी हो सकता है कि वे सोचते हों कि सबकुछ ठीक है और इसे हमेशा की तरह लेते हों।”

पार्टी लीडरशिप पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस ने पिछले छह सालों में आत्मविश्लेषण नहीं किया है तो अब क्या उम्मीद है कि अभी करेगी? हमें पता है कि कांग्रेस में क्या गलत है। संगठनात्मक रूप से, हम जानते हैं कि क्या गलत है। मुझे लगता है कि हमारे पास सभी जवाब हैं। कांग्रेस पार्टी खुद ही सारे जवाब जानती है। लेकिन वे उन जवाबों को पहचानने की इच्छुक नहीं हैं। यदि वे उन जवाबों को नहीं ढूंढती है तो फिर ग्राफ में गिरावट जारी रहेगी।”

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