भुवनेश्वर: ओडिशा के राउरकेला स्टील प्लांट में जहरीली गैस के लीक होने से चार लोगों की मौत हो गई है। गैस की चपेट में आने से कई अन्य लोग भी बीमार हो गए हैं। सभी गैस प्रभावित लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। खबरों के मुताबिक, छह लोगों की हालत बेहद गंभीर है, जबकि चार कर्मचारियों की अब तक मौत हो गई है।
Four people dead, six people fall ill due to toxic gas leakage from a unit at Rourkela Steel Plant: Odisha
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) January 6, 2021
शुरूआती जानकारी के अनुसार, बुधवार की सुबह राउरकेला स्टील प्लांट के कोल केमिकल डिपार्टमेंट में साढ़े 9 से 10 बजे के बीच ये हादसा हुआ। कोल डिपार्टमेंट से अचानक जहरीली गैस लीक होने लगी। इससे पहले की कर्मचारी सतर्क होते और बाहर निकलते तब तक गैस कई लोगों अपनी चपेट में ले चुका था।
बताया जा रहा है कि राउरकेला स्टील प्लांट के कोल केमिकल विभाग में ठेके पर स्टार कंस्ट्रक्शन कंपनी मेंटनेंस का काम कर रही थी। उसी दौरान गैस का रिसाव हुआ और लगभग दस श्रमिक उसकी चपेट में आ गए। इसकी सूचना मिलते ही अग्निशमन कर्मियों की सहायता से उन्हें इलाज के लिए आईजीएच भेजा गया, जहां चार की मौत हो गई।
राउरकेला स्टील प्लांट (आरएसपी) में काम करने वाले कम से कम चार ठेका मजदूरों की मौत हो गई और कुछ अन्य लोग बुधवार को एक कोयला रासायनिक विभाग से जहरीली गैस के रिसाव के बाद बीमार पड़ गए। pic.twitter.com/H4hyYdOpYh
— IANS Hindi (@IANSKhabar) January 6, 2021
बाकी के छह कर्मचारियों का इलाज आईजीएच में ही चल रहा है। खबरों के मुताबिक, मृत ठेका श्रमिकों में फर्टिलाइजर कंस्ट्रक्शन कॉलनी के 58 वर्षीय रवि साहू, 55 वर्षीय गणेश बाइलो, लाठीकटा के अभिमन्यु साहू और ब्राह्मानंद पंडा शामिल हैं।
श्रमिक संगठनों ने मृतकों के आश्रितों को नियमानुसार मुआवजा, स्थायी नौकरी, जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। दैनिक जानरण के एक रिपोर्ट के मुताबिक, ठेका श्रमिक नेता विमान माइती ने बताया, “मेंटनेंस के दौरान आवश्यक सावधानी नहीं बरते जाने से यह हादसा हुआ है।”
माइती ने आगे बताया, “काम शुरु करने से पहले इलाके में नाइट्रोजन गैस को लेकर लीक होने संबंधित जांच करनी चाहिए थी। इसके साथ ही काम शुरु करने से पहले यहां एबुलेंस एवं अन्य सुरक्षा साधन मौजूद रखना चाहिए था पर यहां ऐसा कुछ भी नहीं किया गया। एंबुलेंस मौजूद नहीं होने के कारण घटना के एक घंटे तक श्रमिक वहां पड़े रहे। देरी होने से श्रमिकों की म
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