पशुपति पारस की सफाई, LJP को तोड़ा नहीं बचाया, चिराग से कोई दिक्कत नहीं

पशुपति पारस की सफाई, LJP को तोड़ा नहीं बचाया, चिराग से कोई दिक्कत नहीं

लोक जनशक्ति पार्टी में फूट की खबर के बाद पार्टी के नेता और चिराग पासवान के चाचा का बयान सामने आया है। पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि वह दल में अकेला महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी तोड़ी नहीं बल्कि उसे बचाने का काम किया है। दल में कुछ असामाजिक तत्व घुस आए, जिन्होंने अंदर सेंध लगाई। हालांकि, उन्होंने चिराग से अनबन के सवाल पर कहा कि उन्हें भतीजे से कोई दिक्कत नहीं है। बताया जा रहा है कि चिराग पासवान आज दो पहर में अपने चाचा से मिलने उनके घर पहुंचे पर उन्होंने घर का दरवाजा नहीं खोला।

पारस एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “हम तीनों भाई में अटूट प्यार था। आपस में बहुत बनती थी। पर दोनों छोड़कर चले गए। मैं अकेला रह गया। काफी अकेला महसूस कर रहा हूं। पार्टी की बागडोर जिनके हाथ में गई…गलत फैसलों की वजह से बिहार में लोजपा हाशिये पर आ गई। पार्टी के 99 प्रतिशत कार्यकर्ता, सांसद, विधायक और समर्थक सभी की इच्छा थी कि हम 2014 में एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनें और इस बार के विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा बने रहें।”

ये भी पढ़ें: राम मंदिर के नाम पर घोटाला, 2 करोड़ की जमीन 10 मिनट में 18.5 करोड़ की हो गई

पशुपति कुमार पारस ने आगे बताया, “रामविलास की मौत के बाद पार्टी बिखर रही थी। आज पार्टी के अस्तित्व को बचाने का सवाल है। हमारी पार्टी में छह सांसद हैं। यह पांच सांसदों की इच्छा थी कि दल को बचाया जाए। ऐसे में मैंने पार्टी तोड़ी नहीं, बल्कि उसे बचाया। चिराग पासवान मेरे भतीजे हैं और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी। मुझे उनसे कोई आपत्ति नहीं है।”

पशुपति पारस की सफाई, LJP को तोड़ा नहीं बचाया, चिराग से कोई दिक्कत नहीं

हाजीपुर लोकसभा के सांसद पारस ने दावा किया, “लोजपा बिखर रही थी। कुछ असामाजिक तत्वों ने हमारी पार्टी में सेंध लगाई। उन्होंने 99 प्रतिशत कार्यकर्ताओं के भावना की अनदेखी करके गठबंधन को तोड़ दिया।” इसके बाद उन्होंने कहा, “चिराग के साथ रहने में कोई दिक्कत या परेशानी नहीं है। हमें उनसे कोई शिकवा-शिकायत नहीं है। पर मैं एनडीए के साथ था, हूं और रहूंगा।”

ये भी पढ़ें: लोजपा सांसदों ने किया चिराग से किनारा, दूसरी तरफ कांग्रेस में भी फूट के आसार

हालांकि, पशुपति कुमार पारस ने जेडीयू में जाने की बात को केवल अफवाह बताया। उन्होंने कहा कि वहां नहीं जाएंगे। हालांकि, नीतीश अच्छे नेता हैं। वह विकासपुरुष हैं। उल्लेखनीय है कि आज सुबह खबर आई थी कि पार्टी के पांचों सांसदों ने मिलकर रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान को पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया है। उन्होंने रामविलास के भाई यानी चिराग के चाचा पशुपति पारस पासवान को दल का नया नेता चुना है। इतना ही नहीं सांसदों ने चिराग को पार्टी का राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मानने से भी इनकार कर दिया है।

जिन लोजपा सांसदों ने बगावत किया उसमें चिराग के चाचा पशपति पारस पासवान के अलावा उनके चचेरे भाई प्रिंस राज, चंदन सिंह, महबूब अली कैसर और वीणा देवी शामिल हैं। हालांकि, कुछ लोगों ने जनता दल (यूनाइटेड) को लोजपा में तोड़-फोड़ के लिए जिम्मेदार ठहराया है। बताया जा रहा है कि पार्टी लंबे समय से लोजपा अध्यक्ष को अलग-थलग करने की कोशिश कर रही थी। क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जाने के चिराग के फैसले से सत्ताधारी पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा था। सूत्रों का कहना है कि नाराज लोजपा सांसदों का समूह भविष्य में जद (यू) का समर्थन कर सकता है।


(प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave a Reply

Your email address will not be published.