किसानों के चक्का जाम का विपक्षी दलों ने किया समर्थन, कई जगहों पर गिरफ्तारी

किसानों के चक्का जाम का विपक्षी दलों ने किया समर्थन, कई जगहों पर गिरफ्तारी

तीन कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन को दो महीने से अधिक बीच चुके हैं। बीते गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के बाद आज शनिवार को किसानों ने देशव्यापी चक्का जाम का ऐलान किया है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस देशव्यापी चक्का जाम का समर्थन किया है।

हालांकि, प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं किया जाएगा। जब इसको लेकर पूछा गया कि ऐसा क्यों तो उनकी तरफ से कहा गया कि दिल्ली बॉर्डर्स पर धरना दे रहे किसानों को वहां लोगों की जरूरत है। वहां किसी भी समय लोगों की जरूरत पड़ सकती है इसलिए किसानों ने मूव नहीं करने का फैसला लिया है।

चक्का जाम का समर्थन करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि अन्नदाताओं का सत्याग्रह देश हित में है और तीनों कृषि कानून राष्ट्र के लिए घातक हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “अन्नदाता का शांतिपूर्ण सत्याग्रह देशहित में है- ये तीन कानून सिर्फ किसान-मजदूर के लिए ही नहीं, जनता व देश के लिए भी घातक हैं। पूर्ण समर्थन!”

राहुल गांधी ने इससे पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाते हुए लिखा, “मोदी सरकार ने देश और घर, दोनों का बजट बिगाड़ दिया है।” इसके साथ कांग्रेस नेता ने एक खबर का स्क्रीन शॉट भी शेयर किया।

फिलहाल, खबर है कि पुलिस ने कर्नाटक के बेंगलुरु में येलहंका पुलिस स्टेशन के बाहर आंदोलन कर रहे किसान प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में किसानों का चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है।

उन्होंने कहा, “देश की मिट्टी से किसानों को जोड़ेंगे। नए युग का जन्म होगा। इसमें राजनीति वाले कहां हैं, यहां कोई नहीं आ रहा है। ये जन आंदोलन है। रोटी तिजोरी में बंद न हो, ये उसका आंदोलन है। यूपी और उत्तराखंड में कुछ हंगामा करने वाले थे, इसलिए वहां चक्का जाम नहीं किया जाएगा। हम कहीं नहीं जा रहे हैं। हम अक्टबूर तक बैठेंगे।”

वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर ने जेल में बंद पंजाब के किसानों को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “पंजाब के मुख्यमंत्री की यह जिम्मेदारी है कि वो दिल्ली आएं और पंजाब के निर्दोष युवाओं पर दर्ज मामलों को वापस करवाएं। पंजाब के युवाओं को बिना एफआईआर दर्ज किए ही जेलों में रखा गया है। इसलिए यह पंजाब सरकार की जिम्मेदारी है कि वो उन युवाओं की मदद करे। पंजाब सरकार अब तक क्या कर रही है।”

इतना ही उन्होंने केंद्र के नरेंद्र मोदी सरकार पर भी निशानी साधा। उन्होंने कहा, “भारत सरकार यह समझने की भूल कर रही है कि यह आंदोलन केवल पंजाब का है। आज पूरा देश इस कानून का विरोध कर रहा है, सभी राज्यों के किसान धरना स्थलों पर बैठ कर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बावजूद भी अगर सरकार आंखें बंदकर यह दावा करना चाहती है कि कृषि कानून का विरोध केवल पंजाब ही कर रहा है, तो कोई कुछ नहीं कर सकता।”

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