पुलिस हिरासत में सबसे अधिक मौत UP और गुजरात में, हर हफ्ते एक व्यक्ति ने की आत्महत्या

पुलिस हिरासत में सबसे अधिक मौत UP और गुजरात में, हर हफ्ते एक व्यक्ति ने की आत्महत्या

जब देशभर में कोरोना महामारी की वजह 24 मार्च 2020 से 31 जुलाई के बीच पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्ण लॉकडाउन दौरान देश हिरासत में होने वाली मौतों में अधिक वृद्धि देखी गई। नेशनल कैंपेनिंग अगेंस्ट टॉर्चर (एनसीएटी) की सालाना रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पुलिस हिरासत में कथित यातना के चलते हर हफ्ते एक व्यक्ति ने आत्महत्या की।

सबसे ज्यादा 11 लोगों की मौत गुजरात और उत्तर प्रदेश से हिरासत में हुई है। जबकि हिरासत के दौरान मध्य प्रदेश में 10, पश्चिम बंगाल में नौ, तमिलनाडु में आठ, ओडिशा, पंजाब और राजस्थान में छह-छह, आंध्र प्रदेश, झारखंड और महाराष्ट्र में चार-चार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक में तीन-तीन, अरुणाचल प्रदेश, असम, उत्तराखंड में दो-दो और बिहार, हिमाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, मिजोरम, तेलंगाना और त्रिपुरा में एक-एक लोगों की मौत हुई है।

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में साल 2020 में न्यायिक हिरासत में 1,569 मौतें दर्ज की गई है। एनसीएटी के मुताबिक, जेल में हिरासत के दौरान किए गए टॉर्चर से कम-से-कम 18 मौतें हुई। 51 मौतें, कैदियों को समय पर और उचित ईलाज नहीं मिलने की वजह से और जेलों में 34 कैदियों ने आत्महत्या कर ली।

पुलिस हिरासत में सबसे अधिक मौत UP और गुजरात में, हर हफ्ते एक व्यक्ति ने की आत्महत्या

रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे अधिक कैदी दिल्ली के जेलों में बंद हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश में 177.9 फीसद, उत्तराखंड में 159 फीसद, छत्तीसगढ़ में 153.3 फीसद, मेघालय में 157.4 फीसद, मध्य प्रदेश में 155.3 फीसद अधिक कैदी बंद हैं।

दूसरी तरफ, सिक्किम में 153.8 फीसद, महाराष्ट्र में 152.7 फीसद और छत्तीसगढ़ में 150.1 फीसद कैदी जेल की क्षमता से अधिक बंद है। यह आंकड़ा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों को मुताबिक, 31 दिसंबर 2019 तक का है।

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एनसीएटी के समन्वयक सुहास चकमा ने बताया, “हालांकि, संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा ड्रग्स एंड क्राइम (यूएनओडीसी) पर किए गए अध्ययन के मुताबिक, डकैती-चोरी जैसे अपराधों में काफी गिरावट आई है। अधिकांश देशों में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट लॉकडाउन के दौरान दर्ज की गई। जबकि देश में पुलिस हिरासत में मौत के मामले में वृद्धि हुई है।”

गृह मंत्रालय ने 17 सितंबर 2020 को लोकसभा को सूचित किया था कि पुलिस हिरासत में 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक 113 लोगों की मौत हुई। लेकिन, एनसीएटी ने 2020 में पुलिस हिरासत में 111 लोगों की मौत दर्ज की। वहीं, पुलिस हिरासत में सख्त लॉकडाउन के दौरान मौत में इजाफा देखा गया।

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