उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लिमीन (AIMIM) को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के सदस्य मौलाना खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी ने पत्र लिखा है। मौलान सज्जाद नोमानी ने ओवैसी को लिखे पत्र में सलाह दी है कि जिन सीटों पर जीत पक्की हो, बस उन्हीं सीटों पर उम्मीदवार उतारने चाहिए।
मौलाना नोमानी ने अपने पत्र में 11 जनवरी का भी जिक्र किया है, जिस दिन यूपी के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य समेत अन्य OBC नेताओं ने बीजेपी छोड़ी थी। पत्र में उन्होंने ओवैसी को गठबंधन के विकल्प भी तलाशने करने की सलाह दी है। लिखा है कि जो लोग ‘निर्दयी’ हैं, उनके खिलाफ वोटों का बंटवारा होने से रोकना चाहिए।
मौलाना सज्जाद नोमानी ने अपने खत में ये भी शंका जताई है कि यूपी चुनाव में मुस्लिम वोटों का बंटवारा हो सकता है। ऐसे में AIMIM को जिन सीटों पर जीत ‘पक्की’ हो, वहां से पूरी ताकत के साथ लड़ना चाहिए और वहीं से उम्मीदवार उतारने चाहिए।
मौलाना सज्जाद नोमानी ने अपने पत्र में दावा किया है कि ओवैसी को नेता के रूप में लोग पसंद करते हैं। मौलाना ने ओवैसी से कहा है कि चूंकि आप अच्छी तरह से जानते हैं कि देश के मुस्लिम दुश्मन और फासीवाद के अग्रणी वर्ग की मुख्य शक्ति ओबीसी से संबंधित लोग हैं, जिनमें कई इकाइयां शामिल हैं…वे गोलबंद जो जाते हैं और उम्मीदवार हार जाते हैं।
ओवैसी के इरादों और उनकी क्षमताओं को स्वीकार करते हुए मौलाना नोमानी ने लिखा है, “अगर आप मेरे अनुरोध से सहमत हैं तो ही आप बेहतर तरीके से तय कर सकते हैं कि कैसे वोटों के बंटवारे को कम किया जा सकता है।”
उन्होंने आगे लिखा है, “मेरी राय में आपको अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल केवल उन्हीं सीटों पर करना चाहिए जहां जीत निश्चित है, और बाकी सीटों पर आप खुद गठबंधन के लिए अपील करें।”
अपने पत्र में मौलाना नोमानी ने कहा है, “यदि आप ऐसा करते हैं, तो आपकी लोकप्रियता और आत्मविश्वास बढ़ेगा, जो आपके मूल मिशन के लिए चुनाव के तुरंत बाद शुरू करने के प्रयास की सफलता होगी। मैं आपसे यह अपील समुदाय और देश की भलाई के लिए कर रहा हूं।”
उल्लेखनीय है कि कि ओवैसी की पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है। यूपी में कुल 403 सीटें हैं। यहां सात चरणों में मतदान होना है। इन चरणों के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा। नतीजे 10 मार्च को बाकी राज्य (पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और गोवा) के साथ आएंगे।
जैसा कि मालूम है कि यूपी में 20 फीसदी वोटर मुस्लिम हैं। करीब 125 सीटों पर मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में है। सूबे में मुस्लिम सपा-बसपा का परंपरागत वोटर माना जाता है, जिसे कांग्रेस भी साधने में जुटी है। वहीं, ओवैसी भी सूबे में अपने सियासी आधार को मजबूत करने में कमी नहीं छोड़ रहे।
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