दिल्ली कैंट रेप मामला गर्माता जा रहा है। बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे, लेकिन उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा।
घटना के बाद कई दिनों से चुप्पी साधे रखने के कारण अरविंद केजरीवाल का लोगों ने जमकर विरोध किया। हालांकि, बाद में केजरीवाल किसी तरह विरोध स्थल पर मौजूद मंच पर जरूर पहुंच गए, लेकिन वहां पहुंचे ही गिर गए। किसी तरह उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने संभाला और गाड़ी में बैठा कर वहां रवाना हो गए।
"We have ordered magisterial inquiry and we will deploy our biggest lawyers to ensure justice to the family and stringent punishment to the culprits."
— Abhijeet Dipke (@abhijeet_dipke) August 4, 2021
CM @ArvindKejriwal after meeting the victims family. pic.twitter.com/NDX1IHjUmv
दरअसल, जैसे ही केजरीवाल विरोध स्थल पर पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और मंच पर चढ़े वहां भीड़ द्वारा धक्का-मुक्की होने लगी। कुछ देर बाद उन्होंने एक ट्वीट किया और पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया।
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साथ ही उन्होंने कहा कि मामले की मजिस्ट्रेट द्वारा जांच करवाई जाएगी। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार की ओर से बड़े वकीलों को लगाया जाएगा, ताकि दोषियों को कड़ी सज़ा मिल सके।” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली में कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कड़े कदम उठाए, हम पूरा सहयोग करेंगे।
ट्वीट में उन्होंने लिखा, “बच्ची के परिवार से मिला, उनका दर्द बांटा। परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देंगे। मामले की मजिस्ट्रेट जांच होगी। दोषियों को सजा दिलवाने के लिए बड़े वकील लगाएंगे। केंद्र सरकार दिल्ली में क़ानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कड़े कदम उठाए, हम पूरा सहयोग करेंगे।”
बच्ची के परिवार से मिला, उनका दर्द बांटा-
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 4, 2021
– परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देंगे
– मामले की मजिस्ट्रेट जांच होगी
– दोषियों को सजा दिलवाने के लिए बड़े वकील लगायेंगे
केंद्र सरकार दिल्ली में क़ानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कड़े कदम उठाए, हम पूरा सहयोग करेंगे
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दक्षिण पश्चिम दिल्ली के कैंट में रविवार शाम को एक 9 साल की दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई थी। इतना ही नहीं हत्या के बाद उसका जबरन अंतिम संस्कार करवा दिया गया।
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घटना के एक दिन बाद मंगवार को पीड़िता की माँ के पहलचान के आधार पर चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक पुजारी राधे श्याम, उसके लिए काम करने वाले दो लोग लक्ष्मी नारायण और कुलदीप और इसी इलाके का निवासी सलीम शामिल हैं।
बच्ची की माँ ने बताया कि आरोपियों ने उन्हें श्मशान घाट के कमरे में बंद कर दिया था और उनकी मर्जी के बगैर उनकी बेटी के शव को जला दिया गया। माँ ने कहा, “उन्होंने मुझे पैसे देने की कोशिश की। मुझे घर लौटने के लिए कहा और ये भी कहा कि किसी को मत बताना कि क्या हुआ था।”
कई दिनों से ये मामला सोशल मीडिया पर चल रहा था पर कोई भी राजनीतिक दल हाल लेने नहीं पहुंचा। लेकिन बुधवार सुबह कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से जाकर मुलाकात की। उन्होंने कहा था कि जबतक पीड़ित परिवार को इंसाफ नहीं मिलता है, वह डटे रहेंगे। इसके बाद से मामले पर राजनीति होनी शुरू हो गई है।
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