कौन हैं भाला फेंक नीरज चोपड़ा, कैसे किया खांद्रा गांव से टोक्यो ओलंपिक तक का सफर

कौन हैं भाला फेंक नीरज चोपड़ा, कैसे किया खांद्रा गांव से टोक्यो ओलंपिक तक का सफर

भारत के नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक की जैवलिन थ्रो यानी भाला फेंक के क्वालिफिकेशन राउंड में पहले नंबर पर रहे हैं। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर का थ्रो किया। नीरज अब 7 अगस्त को फाइनल खेलेंगे। शुरू से ही नीरज को टोक्यो ओलंपिक में मेडल का दावेदार माना जा रहा था। उन्होंने फाइनल में पहुंचकर भारत के लिए मेडल की उम्मीद भी जगा दी है।

नीरज चोपड़ा का फाइनल में पहुंचना भारतीयों के लिए एक बड़ी जीत है, क्योंकि उन्होंने 2017 के वर्ल्ड चैम्पियन जोहानेस वेटर को भी पछाड़ दिया था। जर्मनी के जोहानेस वेटर नीरज के बाद दूसरे नंबर पर रहे। जोहानेस ने पहले ही कहा था कि ओलंपिक में नीरज को हराना मुश्किल होगा।

नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव के रहना वाले हैं। इनका जन्म एक छोटे से किसान के घर पर 24 दिसंबर 1997 को हुआ था। नीरज ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ से की है। साल 2016 में नीरज ने पोलैंड में हुए आईएएएफ (IAAF) वर्ल्ड U-20 चैम्पियनशिप में 86.48 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड जीता था, जिसके बाद उन्हें आर्मी में जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति मिली थी।

कौन हैं भाला फेंक नीरज चोपड़ा, कैसे किया खांद्रा गांव से टोक्यो ओलंपिक तक का सफर

ये भी पढ़ें: हनी सिंह पर घरेलू हिंसा का केस, पत्नी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया

नीरज चोपड़ा ने आर्मी से जॉब मिलने के बाद एक इंटरव्यू में बताया था, “मेरे पिता एक किसान हैं और माँ हाउसवाइफ हैं और मैं एक ज्वॉइंट फैमिली में रहता हूं। मेरे परिवार में किसी की सरकारी नौकरी नहीं है। इसलिए सब मेरे लिए खुश हैं।”

उन्होंने आगे कहा था, “अब मैं अपनी ट्रेनिंग जारी रखने के साथ-साथ अपने परिवार की आर्थिक मदद भी कर सकता हूं।” नीरज ने साल 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में 88.06 मीटर का थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता था।

नीरज पहले भारतीय हैं जिन्होंने एशियन गेम्स में गोल्ड जीता है। एशियन गेम्स के इतिहास में जैवलिन थ्रो में अब तक भारत को सिर्फ दो मेडल ही मिले हैं। नीरज से पहले 1982 में गुरतेज सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

नीरज साल 2018 में एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन करने के बाद कंधे की चोट का शिकार हो गए थे। चोट की वजह से उन्हें काफी दिनों तक गेम से दूर रहना पड़ा। साल 2019 तो उनके लिए और भी खराब रहा और उसके बाद कोरोना के चलते कई इवेंट रद्द हो गए।

लेकिन नीरज चोपड़ा ने मार्च 2021 में वापसी और उन्होंने इंडियन ग्रांड प्रिक्स में 88.07 मीटर का थ्रो कर अपना ही नेशनल रिकॉर्ड तोड़ दिया। नीरज का ये अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन था। नीरज की अभी 23 साल ही है। वे अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद किसी वर्ल्ड लेवल एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं।

ये भी पढ़ें: दिल्ली कैंट रेप पीड़िता के परिवार से जाकर मिले राहुल गांधी, जानें पूरा घटनाक्रम

उन्होंने IAAF वर्ल्ड U-20 में गोल्ड जीता था। उन्होंने साल 2016 में साउथ एशियन गेम्स में 82.23 मीटर का थ्रो कर गोल्ड जीता। इसके बाद 2017 में उन्होंने 85.23 मीटर का थ्रो कर एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता था।

पिछले साल साउथ अफ्रीका में हुई सेंट्रल नॉर्थ ईस्ट मीटिंग एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज ने 87.86 मीटर का थ्रो कर ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था। ओलंपिक में क्वालिफाई करने के लिए 85 मीटर का थ्रो करना जरूरी था।

टोक्यो में नीरज को मेडल का दावेदार इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि 2016 के रियो ओलंपिक में त्रिनिदाद एंड टोबैगो के केशोरन वाल्कॉट ने 85.38 मीटर जैवलिन थ्रो के साथ ब्रॉन्ज जीता था। ऐसे में नीरज चोपड़ा अगर अपने वर्तमान बेस्ट थ्रो (88.07 मीटर) को ही दोहरा दें तो उनका मेडल पक्का है।


[प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी फॉलो कर सकते हैं।]

Leave a Reply

Your email address will not be published.