कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी हुए कांग्रेस में शामिल, जानें CPI छोड़ने की कहानी

कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी हुए कांग्रेस में शामिल, जानें CPI छोड़ने की कहानी

जेएनयू के पूर्व छात्र नेता और सीपीआई लिडर कन्हैया कुमार और गुजरात के वडगाम से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी आज कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस में शामिल होने से पहले राहुल गांधी समेत दोनों युवा नेता दिल्ली के आईटीओ स्थित शहीदी पार्क गए और शहीद-ए-आजम भगत सिंह को श्रद्धांजली दी। यहां यूथ कांग्रेस ने पहले से ही एक कार्यक्रम का प्रोग्राम रखा था। इस दौरान तीनों ने हाथ उठाकर एकजुटता का संदेश दिया।

पहले ही खबर आई थी कि सभी नेता वहीं मिलेंगे और उसके बाद पार्टी दफ्तर पहुंचेंगे। बीते दिनों इन्होंने राहुल गांधी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ मुलाकात की थी जिसके बाद से अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे जल्द पार्टी में शामिल हो सकते हैं। आज सुबह से ही कांग्रेस का दफ्तर कन्हैया के स्वागत वाले पोस्टरों से अटा पड़ा था।

तब बताया गया था कि कन्हैया कुमार को कांग्रेस में लाने की सलाह पीके यानी प्रशांत किशोर ने पार्टी लीडरशिप को दी है। अंदरखाने में ये भी चर्चाएं तेज थीं कि कन्हैया कुमार के संबंध उनकी पार्टी के बड़े नेताओं से अच्छे नहीं चल रहे हैं। हैदराबाद में हुई सीपीआई की एक बैठक में तो उनके खिलाफ अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर निंदा प्रस्ताव पास किया था।

हैदराबाद वाली घटना के बाद कन्हैया कुमार ने पार्टी मुख्यालय का अपना दफ्तर भी खाली कर दिया था। साथ में ये भी खबर आई कि कन्हैया जाते-जाते अपने साथ अपना एयर कंडीशनर (AC) भी निकाल कर ले गए थे। हालांकि, पार्टी नेताओं ने ये साफ किया कि एसी उन्होंने ही लगवाया था और ले जाने से पहले उन्होंने पूछा था। जब कुछ लोगों का मानना है कि कम उम्र में उनकी लोकप्रियता ने बड़े नेताओं को असहज कर दिया था।

कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी हुए कांग्रेस में शामिल, जानें CPI छोड़ने के पीछे की कहानी

जैसा कि मालूम है कि बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राज की कमान इन दिनों तेजस्वी यादव संभाले हुए हैं। वहीं, चिराग पासवान भी अपने पिता की विरासत यानी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) की कमान अपने चाचा पशुपति पारस के हाथों में जाने से रोकने के लिए पूरी महेनत कर रहे हैं।

ऐसे में कांग्रेस को भी किसी दमदार युवा नेता की तलाश थी। उल्लेखनीय है कि कन्हैया कुमार को उनकी पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में ‘पूरब के लेनिनग्राद’ के नाम से मशहूर बेगूसराय सीट से उम्मीदवार बनाया था।

कन्हैया के खिलाफ भाजपा ने अपने फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह को अखाड़े में उतारा था। इस चुनाव में कन्हैया कुमार ने खुद को बेगूसराय का बेटा बताकर वोट मांगा था। हालांकि, उन्हें निराशा हाथ लगी थी। वे गिरिराज सिंह से लगभग 4 लाख 20 हजार से वोट्स से हार गए थे।


[प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुकट्विटरटेलीग्रामइंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी फॉलो कर सकते हैं।]

Leave a Reply

Your email address will not be published.