जेएनयू के पूर्व छात्र नेता और सीपीआई लिडर कन्हैया कुमार और गुजरात के वडगाम से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी आज कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस में शामिल होने से पहले राहुल गांधी समेत दोनों युवा नेता दिल्ली के आईटीओ स्थित शहीदी पार्क गए और शहीद-ए-आजम भगत सिंह को श्रद्धांजली दी। यहां यूथ कांग्रेस ने पहले से ही एक कार्यक्रम का प्रोग्राम रखा था। इस दौरान तीनों ने हाथ उठाकर एकजुटता का संदेश दिया।
शहीद भगत सिंह जी की जयंती पर शहीद पार्क पर पुष्पांजलि आर्पित करते हुए श्री @RahulGandhi दिल्ली प्रभारी श्री @shaktisinhgohil
— Hakimuddin Saify- हकीमुद्दीन सैफी (@HakimSaifyINC) September 28, 2021
दिल्ली काँग्रेस अध्यक्ष @Ch_AnilKumarINC श्री @jigneshmevani80 @HardikPatel_ @kanhaiyakumar #bhagatsingh pic.twitter.com/t4GncRpOiJ
पहले ही खबर आई थी कि सभी नेता वहीं मिलेंगे और उसके बाद पार्टी दफ्तर पहुंचेंगे। बीते दिनों इन्होंने राहुल गांधी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ मुलाकात की थी जिसके बाद से अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे जल्द पार्टी में शामिल हो सकते हैं। आज सुबह से ही कांग्रेस का दफ्तर कन्हैया के स्वागत वाले पोस्टरों से अटा पड़ा था।
Shri @RahulGandhi with Shri #KanhaiyaKumar and Gujarat MLA Shri @jigneshmevani80 at Shaheed-E-Azam Bhagat Singh Park, ITO, Delhi. pic.twitter.com/POlyraX8Wo
— Congress (@INCIndia) September 28, 2021
तब बताया गया था कि कन्हैया कुमार को कांग्रेस में लाने की सलाह पीके यानी प्रशांत किशोर ने पार्टी लीडरशिप को दी है। अंदरखाने में ये भी चर्चाएं तेज थीं कि कन्हैया कुमार के संबंध उनकी पार्टी के बड़े नेताओं से अच्छे नहीं चल रहे हैं। हैदराबाद में हुई सीपीआई की एक बैठक में तो उनके खिलाफ अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर निंदा प्रस्ताव पास किया था।
CPI leader Kanhaiya Kumar and Gujarat MLA Jignesh Mewani joins Congress in the presence of Rahul Gandhi in New Delhi pic.twitter.com/7t0tf8lqmp
— ANI (@ANI) September 28, 2021
हैदराबाद वाली घटना के बाद कन्हैया कुमार ने पार्टी मुख्यालय का अपना दफ्तर भी खाली कर दिया था। साथ में ये भी खबर आई कि कन्हैया जाते-जाते अपने साथ अपना एयर कंडीशनर (AC) भी निकाल कर ले गए थे। हालांकि, पार्टी नेताओं ने ये साफ किया कि एसी उन्होंने ही लगवाया था और ले जाने से पहले उन्होंने पूछा था। जब कुछ लोगों का मानना है कि कम उम्र में उनकी लोकप्रियता ने बड़े नेताओं को असहज कर दिया था।
जैसा कि मालूम है कि बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राज की कमान इन दिनों तेजस्वी यादव संभाले हुए हैं। वहीं, चिराग पासवान भी अपने पिता की विरासत यानी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) की कमान अपने चाचा पशुपति पारस के हाथों में जाने से रोकने के लिए पूरी महेनत कर रहे हैं।
Delhi: Congress leader Rahul Gandhi arrives at Shaheed-E-Azam Bhagat Singh Park, ITO pic.twitter.com/XWvShv2ipq
— ANI (@ANI) September 28, 2021
ऐसे में कांग्रेस को भी किसी दमदार युवा नेता की तलाश थी। उल्लेखनीय है कि कन्हैया कुमार को उनकी पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में ‘पूरब के लेनिनग्राद’ के नाम से मशहूर बेगूसराय सीट से उम्मीदवार बनाया था।
कन्हैया के खिलाफ भाजपा ने अपने फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह को अखाड़े में उतारा था। इस चुनाव में कन्हैया कुमार ने खुद को बेगूसराय का बेटा बताकर वोट मांगा था। हालांकि, उन्हें निराशा हाथ लगी थी। वे गिरिराज सिंह से लगभग 4 लाख 20 हजार से वोट्स से हार गए थे।
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