JDU ने बदला तेवर, कहा- हम मोदी मंत्रिमंडल में संख्या के अनुपात में हिस्सेदारी चाहते हैं

JDU ने बदला तेवर, कहा- हम मोदी मंत्रिमंडल में संख्या के अनुपात में हिस्सेदारी चाहते हैं

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के बाद अब धीरे-धीरे जेडीयू के तेवर में बदलाव आने लगा है। पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कल रविवार को समाप्त हो गई। बैठक से दो दिन पहले बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश में जदयू के छह विधायकों को तोड़कर पार्टी में मिला लिया था। जिसके पाद जदयू की ओर से लगातार बीजेपी पर हमले जारी है।

रविवार को जहां राज्यसभा सांसद आर.सी.पी. सिंह को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया वहीं लगे हाथ पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार में भी अपनी हिस्सेदारी मांग रख दी। पटना में कार्यकारिणी की बैठक के बाद कल पार्टी के वरिष्‍ठ नेता और प्रधान महासचिव के.सी. त्यागी ने कहा कि हम केंद्रीय मंत्रिपरिषद में संख्या के अनुपात में उचित प्रतिनिधित्व चाहते हैं।

इतना ही नहीं त्यागी ने ‘लव जिहाद’ समेत दूसरे मुद्दों पर भी अपनी पार्टी का अलग स्टैंड क्लियर किया। बीते कई दिनों से लगातार ये सवाल उठाए जा रहे थे कि अब नीतीश सरकार भी ‘लव जिहाद’ पर कानून ला सकती है।

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लेकिन केसी त्यागी ने कहा कि देशभर में ‘लव जिहाद’ के मुद्दे को लेकर घृणा का माहौल पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में जदयूी के छह विधायकों के बीजेपी में शामिल के मामले पर कहा कि गठबंधन की राजनीति के लिए अरुणाचल प्रदेश का मामला ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी के अटल धर्म का पालन सभी घटक दलों को करना चाहिए।

दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा, “मुझे पद की कोई चाहत नहीं, इच्छा नहीं कि पद पर रहें। चुनाव परिणाम आने के बाद मैंने अपनी यह इच्छा गठबंधन के समक्ष जाहिर भी कर दी थी। पर दबाव इतना था कि मुझे फिर से काम संभालना पड़ा।”

उन्होंने आगे कहा, “हम स्वार्थ के लिए काम नहीं करते। आज तक हमने कभी किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया।” उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में जदयू के छह विधायकों के भाजपा में शामिल किए जाने का जिक्र करते हुए कहा, “क्या हुआ अरुणाचल में। छह के जाने के बाद भी वहां जदयू का एक विधायक डटा रहा। पार्टी की ताकत को समझिए।”

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नीतीश कुमार ने इसके बाद कहा, “हमें सिद्धांतों के आधार पर ही लोगों के बीच जाना है। नफरत का माहौल बनाया जाता है। हमलोग नफरत के खिलाफ हैं। एक-एक काम लोगों के हित के लिए किया। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को गुमराह किया जा रहा। वह चाहेंगे कि अच्छी बातें सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच प्रचारित हो। समाज में किसी तरह का मतभेद नहीं हो।”

वहीं त्यागी ने कहा कि मंत्रिपरिषद में जदयू विधायकों को शामिल करने की बजाय पार्टी में शामिल कर लिया गया, जबकि बिहार में जेडीयू ने कभी भी ऐसा नहीं किया है। त्यागी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की घटना से पार्टी आहत है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए कहा कि वह संख्याबल के नहीं, बल्कि साख के नेता हैं। संख्या बल के आधार पर नीतीश कुमार के नेतृत्व और आभामंडल का आंकलन नहीं करना चाहिए। अन्य राज्यों में भी नीतीश कुमार पार्टी के लिए काम करेंगे।

के.सी. त्यागी ने बिहार का जिक्र करते हुए कहा, “बिहार में गठबंधन को लेकर कोई विवाद नहीं है। हमारा मन अरुणाचल प्रदेश के घटनाक्रम को लेकर जरूर दुखी है।” इसके बाद चिराग पासवान की पार्टी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने जिस स्वच्छंदता के साथ बिहार में चुनाव लड़ा है, एनडीए को उसके चुनाव लड़ने पर रोक लगाना चाहिए था। एलजेपी अब न तो बिहार और न ही दिल्ली में एनडीए का पार्ट है।” उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान या अंबेडकर के नाम पर चिराग पासवान ने चुनाव नहीं लड़ा जिनके विचारों पर उनकी पार्टी खड़ी है बल्कि चिराग में यह चुनाव मोदी के नाम पर लड़ा।

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