भारत ने बढ़ाया अफगानिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ, कहा- करेंगे मदद

भारत ने बढ़ाया अफगानिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ, कहा- करेंगे मदद

अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद भारत अपनी विदेश नीति को लेकर चुप्पी साधे हुए था। जब तक सरकार का गठन नहीं हुआ था भारत वेट एण्ड वॉच की स्थिति में था। लेकिन स्थिति को साफ को करते हुए भारत ने अफगानिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है।

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता पहुंचाने के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा है कि अतीत की तरह भारत आज भी अफगान लोगों का साथ देने के पक्ष में है।

भारत ने बढ़ाया अफगानिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ, कहा- करेंगे मदद

द हिंदू अखबार के मुताबिक, भारत ने अफगानिस्तान संकट में संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख भूमिका का समर्थन किया है। साथ में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की है।

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जयशंकर ने कहा, “आज मैं इस बात को रेखांकित करना चाहता हूं कि जिस तरह के गंभीर हालात वहां बन रहे हैं, भारत अफगान लोगों का साथ देने के लिए इच्छुक है, जैसा कि हमने अतीत में भी किया है।”

दरअसल, यह मीटिंग संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की अध्यक्षता में हुई। मीटिंग के दौरान सुरक्षा परिषद की प्रस्ताव संख्या 2593 की अहमियत पर चर्चा किया गया।

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इसका करते हुए विदेश मंत्री ने दोहराया, “भारत ने अफगानिस्तान के भविष्य के लिए हमेशा ही संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख भूमिका का समर्थन किया है। वैश्विक सहमति बनाने और साझा कदम उठाने की पहल को प्रोत्साहित करने के लिए छोटे-छोटे समूह मिल कर काम करें, इसकी तुलना में एक बहुपक्षीय प्लेटफॉर्म ज्यादा प्रभावी होगा।”

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हालांकि, भारत ने तालिबान के शासन वाले अफगानिस्तान के लिए किसी तरह की आर्थिक मदद का कोई फिलहाल वादा नहीं किया है। बीते 20 सालों में यह पहली बार हुआ है कि जब भारत ने ऐसा नहीं किया।

जबकि विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने संबोधन में अफगानिस्तान के लिए प्रोटीन बिस्किट से लेकर बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं तक की बात की। जैसा कि मालूम है कि पहले कि सरकार में भारत सबसे बड़ा निवेशकों में रहा है।


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