गडकरी का मोदी पर निशाना, कहा- MLA से CM तक सब दु:खी, कब कुर्सी छीन जाए पता नहीं

गडकरी का मोदी पर निशाना, कहा- MLA से CM तक सब दु:खी, कब कुर्सी छीन जाए पता नहीं

नितिन गडकरी आडवाणी कुम्बे के नेता हैं। नरेंद्र मोदी गैंग से उनका रार किसी से छुपा नहीं है। नितिन गडकरी को अक्सर अपनी बात साफगोई के साथ रखते देखा गया है। बीते दिनों केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने ही सरकार पर मजा लेते हुए कहा कि जो विधायक हैं वो दु:खी हैं कि मंत्री नहीं बन पाए, जो मंत्री है वो इसलिए दु:खी हैं कि वो मुख्यमंत्री नहीं बन पाए और जो मुख्यमंत्री हैं वो इसलिए दु:खी हैं कि कब रहेंगे, कब जाएंगे इसका भरोसा नहीं।

सोमवार को राजस्थान के जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा, “आजकल हर किसी की समस्या है, हर कोई दु:खी है। विधायक इसलिए दु:खी हैं, क्योंकि वो मंत्री नहीं बन पाए। मंत्री इसलिए दु:खी हैं, क्योंकि उन्हें अच्छा विभाग नहीं मिला। अच्छे विभाग वाले इसलिए दु:खी हैं, क्योंकि वो मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। जो मुख्यमंत्री बन पाए वो इसलिए दु:खी हैं, क्योंकि कब रहेंगे और कब जाएंगे, इसका भरोसा नहीं है।”

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गडकरी यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि राजनीति का मुख्य उद्देश्य आम लोगों के जीवन में बदलाव लाना ही है, लेकिन आजकल इसे सिर्फ सत्ता हथियाने से जोड़कर देखा जाने लगा है। लोकतंत्र का मुख्य लक्ष्य समाज के अंतिम व्यक्ति को लाभ पहुंचाने का है।

गडकरी का मोदी पर निशाना, कहा- MLA से CM तक सब दु:खी, कब कुर्सी छीन जाए पता नहीं

उन्होंने कहा, “लोगों की भावनाओं को जीतकर आगे आना ही लीडरशिप कहलाता है। साइकिल, रिक्शों में लोगों को बैठे हुए जब एक व्यक्ति खींचता था तो यह देखकर मुझे दु:ख होता था, इसलिए ही ई-रिक्शा शुरू करवाए। लेकिन अधिकारियों ने इसे गलत बताया। यह मामला कोर्ट तक गया, लेकिन मैंने कहा कि गरीब के लिए कानून तोड़ना पड़ेगा तो वह भी तोड़ूंगा।”

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उल्लेखनीय है कि हाल ही के दिनों में भाजपा ने अपने कई मुख्यमंत्रियों को अचानक बदल दिया। पहले उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह तीरथ सिंह रावत को लाया गया, बाद में उन्हें भी बदलकर पुष्कर सिंह धामी को कुर्सी दी गई।

फिर कर्नाटक की बारी आई जहां बी.एस. येदियुरप्पा से कुर्सी छीन कर बसवराज बोम्मई को बैठा दिया गया। इसके बाद अब गुजरात में विजय रुपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया हैं। असम में भी चुनाव के बाद इस बार सर्वानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री न बनाकर हिमंत बिस्वा सरमा को मुख्यमंत्री बनाया गया है।


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