कांग्रेस-भाजपा ने राजस्थान में दूसरे दल के प्रत्याशी को जिला प्रमुख बनने से रोकने के लिए हाथ मिलाया

कांग्रेस-भाजपा ने राजस्थान में दूसरे दल के प्रत्याशी को जिला प्रमुख बनने से रोकने के लिए हाथ मिलाया

डूंगरपुर: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में पंचायती राज चुनाव के तहत हुई एक घटना के सामने आने के बाद लोग हैरत में हैं। दरअसल, प्रधान-प्रमुखों के निर्वाचन में भारतीय ट्राईबल पार्टी (बीटीपी) समर्थित निर्दलियों को जिला परिषद बोर्ड का प्रमुख बनने से रोकने के लिए राजनीतिक प्रतिद्वंदी भाजपा और कांग्रेस ने आपस में हाथ मिला लिया। दोनों पार्टियों के समर्थन से भाजपा समर्थित सूर्या अहारी एक वोट से जिला प्रमुख चुन ली गईं।

डूंगरपुर जिला परिषद में कुल 27 वार्ड आते हैं जिनमें से बीटीपी समर्थित निर्दलीयों ने 13 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं भाजपा को आठ और कांग्रेस को छह सीट मिली थी। जबकि जिला प्रमुख बनाने के लिए 14 सीटों की दरकार थी। ऐसे में बीटीआई के खिलाफ भाजपा और कांग्रेस ने हाथ मिला लिया और संयुक्त प्रत्याशी के रूप में सूर्या अहारी को मैदान में उतार दिया। बीटीआई पहली बार पंचायतीराज चुनाव में अप्रत्यक्ष रूप से उतरी थी और अच्छे मतों से जीत दर्ज की थी। लेकिन बीटीपी के जिला प्रमुख बनाने के मंसूबों पर भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर पानी फेर दिया।

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राजस्थान पत्रिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुबह 10 बजे कलक्ट्रेट परिसर स्थित ईडीपी सभागार में जिला प्रमुख निर्वाचन की प्रक्रिया जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेशकुमार ओला और अतिरिक्त निर्वाचन अधिकारी कृष्णपाल सिंह चौहान के निर्देशन में शुरू हुई। जिला परिषद वार्ड गलियाकोट से करीब साढ़े 10 बजे भाजपा के बैनर विजयी रही निवर्तमान प्रधान सूर्या अहारी भाजपा के पूर्व महामंत्री सुदर्शन जैन तथा समर्थक व प्रस्ताव के साथ नामांकन के लिए पहुंची।

इसके बाद बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अहारी ने नामांकन किया। इसके कुछ समय बाद देवल वार्ड से विजयी रही बीटीपी समर्थित पार्वती देवी डोडा नामांकन करने पहुंचीं। गुंदलारा वार्ड से विजयी रहीं निर्दलीय कांता डामोर ने इसके बाद भी नामांकन दाखिल किया। नामांकनों की संवीक्षा यानी स्क्रूटिनी के दौरान कांता डामोर का नाम निर्देशन पत्र निर्वाचित समर्थक के अभाव में निरस्त कर दिया गया। इस तरह पार्वती देवी और सूर्या अहारी दो प्रत्याशी मैदान में रहे।

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अपराह्न 3 बजे जिला परिषद पद के लिए मतदान शुरू हुआ। तकरीबन साढ़े 3 बजे कांग्रेस के जीते 6 सदस्य मतदान करने पहुंचे। करीब पौने चार बजे इसके बाद चौरासी विधायक राजकुमार रोत बीटीपी समर्थित सदस्यों को तीन वाहनों से मतदान करने आए। इसके बाद सवा 4 बजे के आसपास बीजेपी सदस्य मतदान के लिए पहुंचे। इसके बाद पंचायत समिति डूंगरपुर में कांग्रेस की कांता देवी निर्विरोध प्रधान चुनी गई।

निर्धारित समय तक डूंगरपुर में सिर्फ कांतादेवी का नामांकन जमा हुआ। हालांकि, निर्दलीय संध्या परमार, नर्मदा डामोर, प्रियंका रोत और मेनका बरण्डा ने नाम निर्देशन पत्र प्राप्त किए थे, पर निर्धारित समय सुबह 11 बजे तक पत्र जमा नहीं हुए। रिटर्निंग अधिकारी राजेश नायक ने नामांकन की स्क्रूटिनी और नाम वापसी का समय समाप्त होने के बाद कांता देवी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित करते हुए शपथ दिलाई।

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