नई दिल्ली: पुलिस ने कृषि कानून के खिलाफ सिंघु बॉर्डर की रेड लाइट पर धरने पर बैठे किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। किसानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने और महामारी एक्ट और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
लामपुर बॉर्डर से दिल्ली की सीमा में 29 नवंबर को कुछ किसान घुसे थे और सिंघु बॉर्डर की रेड लाइट पर बैठ गए थे। उन्होंने रोड को ब्लॉक कर दिया है और वहीं बैठे हैं। खबरों के मुताबिक, 7 दिसंबर को इन किसानों के खिलाफ अलीपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई।
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इसके बाद भी किसानों के जुड़े एक मामले में केस दर्ज हुआ। दरअसल, 9 दिसंबर की सुबह ‘भारत बंद’ के समर्थन में निकले किसानों पर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई। किसानों पर आरोप है कि उन्होंने ‘भारत बंद’ के दौरान दुकानदार से मारपीट की और तोड़फोड़ की।
इस मामले में कांग्रेस के पीसीसी सचिव के भतीजे और स्वराज किसान संगठन के अध्यक्ष राधेश्याम मीणा समेत छह अन्य लोगों को नामजद बनाया गया है। वहीं दूसरी तरफ किसानों का कहना है कि यह एफआईआर पुलिस ने दुकानदार को जबरन दबाव में लेकर किया है। किसानों का कहना है कि वे इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे।
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गौरतलब है कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का आज 15वां दिन है। किसानों का कहना है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले पर सरकार का कहना है कि वह संशोधन के लिए तैयार है। सरकार का स्पष्ट कहना है कि तीनों में से किसी भी कानून को वापस नहीं लिया जाएगा।
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