हमें सहायता नहीं मिली तो 2021 में हमारा सामना व्यापक स्तर पर भुखमरी से होगा: WFP

हमें सहायता नहीं मिली तो 2021 में हमारा सामना व्यापक स्तर पर भुखमरी से होगा: WFP

संयुक्त राष्ट्रः कोरोना वायरस के कारण इस साल सब कुछ ठप्प रहा। जैसे-जैसे महीने बीत रहे हैं और अब तक इस बीमारी का वैक्सीन नहीं बना है ऐसे में हर व्यक्ति इस बात को स्वीकार कर लिया है कि कोरोना का कहर कम नहीं होगा। जिसके कारण देश की वैश्विक स्थिती और भी खराब होगी। इस बात को पुख्ता कर रही है संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी)।

डब्ल्यूएफपी के प्रमुख का कहना है कि संगठन को मिले नोबेल शांति पुरस्कार ने इसे एक ऐसा स्पॉटलाइट दिया है कि वह वैश्विक नेताओं को चेता सके। उन्हें बता सके कि इस साल से अधिक खराब होने वाला है 2021। एजेंसी ने साफ तौर पर कहा है कि अगर हमें अरबों डॉलर की सहायता नहीं मिली तो 2021 में हमारा सामना व्यापक स्तर पर भुखमरी से होगा।

डब्ल्यूएफपी के प्रमुख डेविड बीसली ने एक इंटरव्यू में कहा, “नॉर्वे की नोबेल समिति उन कार्यों को देख रही थी जो एजेंसी संघर्ष में, आपदा में और शरणार्थी शिविरों में प्रतिदिन करती है। लाखों भूखे लोगों को भोजन मुहैया करवाने के लिए अपने कर्मचारियों की जिंदगी को जोखिम में डालती है, लेकिन साथ में विश्व को यह संदेश भी देती है कि हालत और खराब हो रहे हैं और हमारा सबसे मुश्किल काम अभी आना बाकी है।”

उन्होंने आगे कहा, “यह बहुत सही वक्त पर मिला। अमेरिकी चुनाव और कोविड-19 महामारी की खबरों की वजह से इसे ज्यादा तवज्जो नहीं मिली, साथ ही दुनिया भर का ध्यान उस परेशानी की ओर नहीं गया, जिसका हम सामना करते हैं।”

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की चेतावनी को बेसली ने याद करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कहा था कि दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है और यह भुखमरी के कगार पर भी खड़ी है और अगर इस पर त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो कुछ ही महीनों के भीतर हालात और खराब होंगे। उन्होंने आगे कहा, “हम इसे 2020 में टालने में सक्षम थे क्योंकि वैश्विक नेताओं ने धन, राहत पैकेज और कर्ज वापसी की।”

बीसली ने कहा है, “कोविड-19 दोबारा फैल रहा है, देशों की अर्थव्यवस्थाओं विशेष रूप से गरीब और मध्य आय वाले देशों की अर्थव्यवस्थाएं लगातार बिगड़ रही हैं और लॉकडाउन की एक और लहर चल रही है। इतना ही नहीं जो पैसा 2020 में उपलब्ध था, वह 2021 में उपलब्ध नहीं होगा। महामारी की यह त्रासदी अगले 12 से 18 महीनों तक और रह सकती है।

उन्होंने यह भी कहा कि डब्ल्यूएफपी को अगले साल लगभग 15 अरब डॉलर की जरूरत है। जिनमें से पांच अरब डॉलर भुखमरी से निपटने के लिए जरूरी है तो वहीं 10 अरब डॉलर एजेंसी के वैश्विक कार्यक्रमों के लिए जरूरत है।

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