फ्रांस सरकार ने पेगासस जासूसी कांड का दिया जांच का आदेश

फ्रांस सरकार ने पेगासस जासूसी कांड का दिया जांच का आदेश

पेगासस जासूसी मामले में फ्रांस सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। फ्रांस ने पेगासस सॉफ्टवेयर जासूसी की जांच शुरू करने का आदेश दे दिया है। मंगलवार को फ्रांसीसी अभियोजकों ने घोषणा किा कि उन्होंने देश में पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल के आरोपों की जांच शुरू की है।

भारत समेत कई देशों में राजनेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों की जासूसी करने के लिए पेगासस स्पाइवेयर के उपयोग को लेकर हुई मीडिया रिपोर्टिंग बाद किसी सरकार की ओर घोषित होने वाली यह पहली जांच है।

न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, जांच में मोरक्को की खुफिया एजेंसियों द्वारा फ्रांसीसी पत्रकारों की जासूसी करने के लिए पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

वहीं, फ्रांसीसी न्याय मंत्रालय की रिपोर्ट में यूरो न्यूज ने बताया कि पेरिस अभियोजक का कार्यालय ‘धोखाधड़ी’, ‘डेटा की धोखाधड़ी प्रविष्टि’, ‘गोपनीयता पर आक्रमण’ सहित कई आरोपों की एक स्ट्रिंग की जांच करेगा।

यूरो न्यूज ने कहा, “जांच का जिम्मा फ्रांस के सेंट्रल ऑफिस फॉर कॉम्बैटिंग टेक्नोलॉजी-रिलेटेड क्राइम ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन (OCLCTIC), न्यायिक पुलिस की एक शाखा को सौंपा गया है।”

फ्रांस सरकार ने पेगासस जासूसी कांड का दिया जांच का आदेश

फ्रांसीसी मीडिया आउटलेट मीडियापार्ट ने पेगासस के खुलासे में इसके पत्रकारों के नाम सामने आने के बाद सोमवार को शिकायत दर्ज कराई। फ्रांसीसी अखबार ले कैनार्ड एनचाइन के भी इस मुद्दे पर अधिकारियों से संपर्क करने की उम्मीद है।

मीडियापार्ट ने सोमवार को खुलासा किया था कि उसके सह-संस्थापक और प्रकाशन संपादक एडवी प्लेनेल और रिपोर्टर लेनॉग ब्रेडौक्स के फोन नंबर मोरक्को की एजेंसियों द्वारा लक्षित थे। विश्लेषण से पता चला है कि उनके फोन 2019 और 2020 में मोरक्को के एजेंटों द्वारा स्पाइवेयर से लक्षित थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कथित तौर पर मोरक्को की एजेंसियों ने पेगासस का इस्तेमाल 30 पत्रकारों और मीडिया अधिकारियों सहित 1,000 फ्रांसीसी नागरिकों को लक्षित करने के लिए किया था। लक्षित पत्रकारों में ले मोंडे, ले फिगारो, एएफपी और फ्रांस टेलीविजन के कर्मचारी शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि इजराइली कंपनी एनएसओ के इस सॉफ्टवेयर से भारत में भी 300 सत्यापित मोबाइल नंबरों की जासूसी करने की बात सामने आई है। इनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के अलावा कई बड़े नेताओं, 40 पत्रकारों, शीर्ष अदालत के न्यायाधीश और अन्य लोगों के नंबर शामिल हैं।


(प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave a Reply

Your email address will not be published.