वसीम रिजवी के खिलाफ CBI ने दर्ज की दो FIR, BJP मंत्री बोले- देखते जाइए आगे-आगे होता है क्या

वसीम रिजवी के खिलाफ CBI ने दर्ज की दो FIR, BJP मंत्री बोले- देखते जाइए आगे-आगे होता है क्या

लखनऊ: केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने शिया वक्‍फ बोर्ड की संपत्तियों की खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी की शिकायत के बाद बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की है। वसीम रिजवी पर यह कार्रवाई सीबीआई की एंटी करप्‍शन ब्रांच की तरफ से की गई है। रिजवी पर आरोप है कि उन्होंने प्रयागराज और कानपुर में वक्‍फ संपत्तियों की खरीद-फरोख्‍त के दौरान धोखाधड़ी और गड़बड़ी की।

वसीम रिजवी पर एफआईआर दर्ज होने के बाद योगी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “दरअसल वक्फ बोर्डों में भ्रष्टाचार की शिकायतें बहुत पहले से की जा रही थी। सीबीआई जांच की सिफारिश योगी सरकार ने बहुत पहले ही कर दी थी। ये हजारों करोड़ का घोटाला है। आगे-आगे देखते जाइए इसमें अभी और भी कई नाम सामने आएंगे।”

धर्मगुरुओं और पीड़ितों की शिकायतें

मोहसिन रजा ने आगे कहा, “वरिष्ठ धर्मगुरुओं, पीड़ितों ने कई बार शिकायतें दी थीं कि मुतवल्ली बदलकर जमीनें बेची जा रही हैं। लेकिन, पिछली सरकारों में सपा-बसपा ने वरिष्ठ धर्मगुरुओं, समाजसेवी और पीड़ितों की मांग नहीं सुनी थी। उनके कार्यकाल में वक्फ संपत्तियां जमकर बर्बाद होने दी गई थीं। अब सीबीआई ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन के साथ सुन्नी वक्फ बोर्ड के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है। सरकार में आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वक्फ की संपत्तियों में भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई जांच के लिए भेज दिया था।

अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री ने कहा, “शिया वक्फ बोर्ड की भारी मात्रा में शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिस पर समुदाय की मांग पर सीएम ने कार्रवाई का आश्वासन दिया था। हजारों करोड़ की वक्फ संपत्ति बेची और बर्बाद की गई हैं। इस मामले में योगी सरकार का स्टैंड क्लियर है। सरकार दोषियों को जेल भेजने से लेकर, पीड़ितों के साथ न्याय करने का काम करेगी।” उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की नीति के तहत की गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार का मन और मंशा साफ है।

पूरा मामला है क्या?

प्रयागराज कोतवाली में 8 अगस्‍त, 2016 को वक्‍फ की संपत्ति बेचने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी। लखनऊ के हजरतगंज में इसके अलावा 27 मार्च, 2017 को कानपुर स्थित वक्‍फ की संपत्ति को ट्रांसफर करने पर मामला दर्ज किया गया था। लखनऊ और प्रयागराज में दर्ज मामलों को आधार बनाते हुए सीबीआई ने वसीम रिजवी के खिलाफ ये दोनों एफआईआर दर्ज किया है। रिजवी पर आरोप है कि उन्‍होंने शिया वक्‍फ बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए वक्‍फ की संपत्तियों की खरीद-बिक्री में घोटाला किया है।

सीबीआई जांच की सिफारिश

वक्‍फ बोर्ड के दो अन्‍य अफसरों समेत पांच को लखनऊ में दर्ज हुए मामले में नामजद बनाया गया है। उत्‍तर प्रदेश सरकार ने शिया वक्‍फ बोर्ड की संपत्तियों में गड़बड़ी के दोनों मामले सामने आने के बाद इन मामलों की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। प्राथमिक जांच-पड़ताल के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने अब इन दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज किया है।

सीबीआई की लखनऊ स्थित भ्रष्‍टाचार रोधी शाखा ने गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। वसीम रिजवी समेत अन्‍य के खिलाफ सीबीआई ने आईपीसी की धारा 409, 420 और 506 के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में वसीम रिजवी के अलावा शिया वक्फ बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी गुलाम सैयदन रिजवी, नरेश कृष्ण सोमानी, वक्फ इंस्पेक्टर वाकर रजा और विजय कृष्ण सोमानी को नामजद किया गया है।

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