गहलोत ने की सिब्बल की आलोचना, कहा- पार्टी के आंतरिक मुद्दे का जिक्र बाहर जाकर न करें

गहलोत ने की सिब्बल की आलोचना, कहा- पार्टी के आंतरिक मुद्दे का जिक्र बाहर जाकर न करें

जयपुर: एक इंटरव्यूह के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने बिहार विधानसभा और उप-चुनाव में अपनी पार्टी के प्रदर्शन पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि लोग कांग्रेस को विकल्प नहीं मानते हैं। उनके इस बयान का राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि इस तरह से सिब्बल को पार्टी के आंतरिक मुद्दे का जिक्र मीडिया में नहीं करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सिब्बल के ऐसा करने से पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत होती हैं।

इस मुद्दे पर गहलोत ने मंगलवार को एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा, “कपिल सिब्बल द्वारा पार्टी के आंतरिक मुद्दे का जिक्र मीडिया में करने की कोई जरूरत नहीं थी, इससे देश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत होती हैं।”

उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, “कांग्रेस ने 1969, 1977, 1989 और उसके बाद 1996 में अनेक संकट देखे … लेकिन अपनी विचारधारा, कार्यक्रमों व नीतियों और पार्टी नेतृत्व में मजबूत विश्वास के चलते हर बार हम और अधिक मजबूत होकर निकले हैं। हम हर संकट के बाद बेहतर हुए और 2004 में सोनिया गांधी के नेतृत्व में संप्रग सरकार भी बनी। इस बार भी हम संकट से निकल आएंगे।”

उन्होंने अपने आखिरी ट्वीट में लिखा, “यहां तक कि आज भी कांग्रेस ही इकलौती ऐसी पार्टी है जो राष्ट्र को एकजुट रख सकती है और इसे व्यापक विकास के रास्ते में आगे ले जा सकती है।’

दरअसल, कपिल सिब्बल ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, ”सिर्फ बिहार में ही नहीं, बल्कि देश में जहां-जहां भी चुनाव और उप-चुनाव हुए हैं, वहां लोग कांग्रेस को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं। यह एक निष्कर्ष है। आखिरकार, बिहार में विकल्प आरजेडी ही थी। गुजरात विधानसभा उपचुनाव की सभी सीटों पर हमें हार का सामना करना पड़ा है। यहां तक कि लोकसभा चुनाव में भी हमें एक भी सीट नहीं मिली थी। वहीं, उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को दो फीसदी से भी कम वोट मिले। गुजरात में हमारे तीन उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई। मेरे कुलीग जोकि सीडब्ल्यूसी का हिस्सा हैं, उन्होंने बयान दिया था कि मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस आत्मनिरीक्षण करेगी।”

इतना ही नहीं सिब्बल ने पार्टी की लीडरशिप पर भी सवाल उठाए थे। जब इंटरव्यू में उनसे सवाल पूछा गया कि बिहार हार को क्या पार्टी लीडरशिप एक और हार की तरह देख रही है, तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं मालूम। मैं यहां सिर्फ अपने बारे में बात कर रहा हूं। मैंने लीडरशिप को मुझे कुछ भी बताते हुए नहीं सुना। इसलिए, मुझे नहीं मालूम। मुझे बस लीडरशिप के आसपास वाली आवाजें ही सुनाई देती हैं। हमें अभी भी कांग्रेस पार्टी से बिहार चुनाव और उप-चुनाव में हालिया प्रदर्शन पर उनकी राय का इंतजार है। यह भी हो सकता है कि वे सोचते हों कि सबकुछ ठीक है और इसे हमेशा की तरह लेते हों।”

पार्टी लीडरशिप पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस ने पिछले छह सालों में आत्मविश्लेषण नहीं किया है तो अब क्या उम्मीद है कि अभी करेगी? हमें पता है कि कांग्रेस में क्या गलत है। संगठनात्मक रूप से, हम जानते हैं कि क्या गलत है। मुझे लगता है कि हमारे पास सभी जवाब हैं। कांग्रेस पार्टी खुद ही सारे जवाब जानती है। लेकिन वे उन जवाबों को पहचानने की इच्छुक नहीं हैं। यदि वे उन जवाबों को नहीं ढूंढती है तो फिर ग्राफ में गिरावट जारी रहेगी।”

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