नई दिल्ली: कृषि कानून को लेकर चल रहे आंदोनल के बीच शनिवार को एक किसान ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि मौके से अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। यह घटना सिंघु बॉर्डर पर देर शाम को हुई।
वहीं इस घटना से किसान दुखी और गुस्से में है। किसानों ने बॉर्डर पर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। इससे पहले भी किसानों के समर्थन में एक संत ने भी आत्महत्या कर ली थी और उसके कुछ ही दिनों बाद एक और किसान ने आत्महत्या कर ली थी।
सिंघु बॉर्डर पर आज और एक किसान ने मौत को गले लगा लिया, किसानी संघर्ष का कोई नतीजा ना निकलता देख
— Harpreet Bandesha ਹਰਪ੍ਰੀਤ ਬੰਦੇਸ਼ਾ (@hpsjournalist) January 9, 2021
फतेहगढ़ साहिब का रहने वाले युवा किसान अमरिंदर सिंह ने सल्फास खा कर दी जान, #FarmersProtest #farmerlivesmatters #FarmersFightUntilWin pic.twitter.com/W5ndovtDIi
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खबरों के मुताबिक, शनिवार की शाम सिंघु बॉर्डर पर मंच से वक्ताओं का कार्यक्रम चल रहा था, कार्यक्रम खत्म हो ही रहा था कि उसी समय पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से आए करीब 40 साल के अमरिंदर सिंह ने मंच के पीछे ही सल्फास खा लिए। फिर मंच की ओर बढ़े। वे कुछ बोल रहे थे लेकिन बोलते-बोलते वहीं बेहोश होकर गिर पड़े। उनके मुंह से झाग निकलने लगा।
आनन-फानन में उन्हें वहीं नजदीक स्थित फ्रैंक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल ले जाया गया। जहां उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार, शाम करीब साढ़े सात बजे ईलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
#FarmersProtests
— Rajesh poddar (@Rajeshpoddar00) January 9, 2021
सिंघु बॉर्डर पर एक किसान ने जहर (सल्फास की गोली) खाकर सुसाइड कर लिया, उन्हें सीरियस कंडीशन में अस्पताल में ले जाया गया था।
व्यक्ति का नाम अमरिंदर है। यह घटना उस वक्त हुई जब आज का स्टेज कार्यक्रम खत्म होने वाला था, वे स्टेज के पास आकर गिर गए @NBTDilli @AshishXL pic.twitter.com/0uqboJOuZq
2 जनवरी को गाजीपुर बॉर्डर पर एक किसान जिनका नाम कश्मीर सिंह था उन्होंने शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि उनकी शहादत बेकार नहीं जानी चाहिए।
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सुसाइड नोट में यह भी लिखा था कि दिल्ली सीमा पर ही उनका अंतिम संस्कार किया जाए। इससे पहले 1 जनवरी को गाजीपुर सीमा पर ही 57 वर्षीय प्रदर्शनकारी किसान मोहर सिंह की दिल का दौरा लड़ने से मौत हो गई थी। वे उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के रहने वाले थे।
संत बाबा राम सिंह ने 16 दिसंबर को आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने खुद को गोली मार ली थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। यह घटना करनाल में बॉर्डर के पास हुई थी। किसानों के साथ सरकार के रवैये से बाबा रामसिंह आहत थे।
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