हार के बाद कमलनाथ बोले- मतदाताओं का धन्यवाद मैं उनके फैसले का सम्मान करता हूं

हार के बाद कमलनाथ बोले- मतदाताओं का धन्यवाद मैं उनके फैसले का सम्मान करता हूं

भोपाल: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में बढ़त बनाए हुई है। 28 सीटों में 19 सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशी आगे चल रहे हैं। जबकि बीजेपी प्रत्याशी ने मान्धाता सीट पर जीत दर्ज कर ली है। मान्धाता सीट से बीजेपी के नारायण पटेल विजयी घोषित हुए हैं। कांग्रेस के उत्तमपाल सिंह को उन्होंने 22129 मतों के बड़े अंतर से पराजित किया।

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। इस बार कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा गया था। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हार स्वीकार करते हुए कहा है कि उन्हें जनादेश स्वीकार्य है।

कमलनाथ ने कहा कि जनता का फैसला लोकतंत्र में हमेशा स्वीकार होता है। हालांकि, उनके चेहरे पर मायूसी साफ देखी जा सकती थी पर उन्होंने मतदाताओं को धन्यवाद देते कहा कि वो इस फैसले का सम्मान करते हैं।

शुरुआती रुझान आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया और लिखा, ” राज्य की जनता ने एक बार फिर विकास और जनकल्याण के लिए संकल्पित बीजेपी को मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय ले लिया है। यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है। प्रदेश विधानसभा के उपचुनाव के परिणाम को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री वी.डी. शर्मा और साथियों के साथ देख रहा हूं।”

आगे चलने वाले सिंधिया समर्थक प्रत्याशी

  1. जजपाल सिंह जज्जी, अशोकनगर
  2. राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, बदनावर
  3. तुलसी सिलावट, सांवेर
  4. रणवीर जाटव, गोहद
  5. महेंद्र सिंह सिसौदिया, बमोरी
  6. डॉ. प्रभुराम चौधरी, सांची
  7. इमरती देवी, डबरा
  8. प्रद्युम्न सिंह तोमर, ग्वालियर
  9. मुन्नालाल गोयल, ग्वालियर पूर्व
  10. गोविंद सिंह राजपूत, सुरखी
  11. बिजेंद्र सिंह यादव, मुंगावली
  12. मनोज चौधरी, हाटपिपल्या
  13. सुरेश धाकड़, पोहरी
  14. रक्षा सिरोनिया, भांडेर

पीछे चल रहे सिंधिया समर्थक प्रत्याशी

  1. रघुराजसिंह कंसाना, मुरैना
  2. गिर्राज सिंह दंडोतिया, दिमनी
  3. कमलेश जाटव, अंबाह
  4. सूबेदार सिंह, जौरा
  5. जसवंत सिंह जाटव, करैरा
  6. ओपीएस भदौरिया, मेहगांव

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस से इस्तीफा देकर सिंधिया के साथ 22 विधायक भाजपा में शामिल हुए थे। इनमें 19 सिंधिया गुट के थे। एंदल सिंह कंसाना और बिसाहूलाल सिंह दिग्विजय सिंह समर्थक जबकि हरदीप सिंह दंग अरुण यादव समर्थक थे। बनवारीलाल शर्मा के निधन से जौरा की सीट खाली हुई थी। यह सीट भी सिंधिया के प्रभाव वाली मानी जाती है। सूबेदार सिंह अब यहां से चुनाव लड़ रहे हैं जो आगे चल रहे हैं।

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