किसानों को धरना स्थल जुटने से रोकने के लिए दो दिन पहले गाजीपुर बॉर्डर और दूसरे धरनास्थलों के आसपाल दिल्ली पुलिस ने बैरिकेडिंग की थी, जिसमें सड़क पर कीलें लगाना भी शामिल था। लेकिन गुरुवार को कई जगहों पर कीलें मुड़ी हुई मिली हैं तो कई जगहों पर कीलों को उखाड़ दिया गया है।
कुछ लोगों को आशंका है कि नुकीली कीलों को मोड़ने का काम किसानों ने किया है। वहीं दूसरी तरफ अमर उजला की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली से कौशांबी की तरफ आने वाली सड़क पर यानी गाजीपुर बॉर्डर के पॉइंट पर कीलें पुलिस के आदेश पर निकाली गई हैं।
दिल्लीः गाज़ीपुर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग के पास लगाई गईं कीलें हटाई जा रही हैं। pic.twitter.com/f3Q8pu4hTk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 4, 2021
खबर के मुताबिक, गुरुवार की सुबह दिल्ली पुलिस ने ही किलों को हटवा दिया। हालांकि, ये बात सामने नहीं आया है कि कीलों को मोड़ा किसने। दरअसल, गाजीपुर बॉर्डर लगाई गई कीलों के के चलते पुलिस की काफी किरकिरी हो रही थी। इसी को देखते हुए पुलिस की तरफ इन्हें हटाने का फैसला लिया गया।
पूरी दुनिया मे बुरी तरह भद पिटाने के बाद सरकार ने कीलें हटानी शुरू की,
— Yogita Bhayana ਯੋਗਿਤਾ ਭਯਾਨਾ (@yogitabhayana) February 4, 2021
इसे कहते है बक्कल निकालना !! pic.twitter.com/ENEH0lGla5
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जब पुसिल से इस संबंध में पूछा गया तो उनका कहना था कि कीलें मुड रही थीं जिस कारण से हटाया है। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या इन्हें दोबारा लगाया जाएगा इस पर दिल्ली पुलिस की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।
दरअसल, दस विपक्षी दलों के सांसद किसानों से मिलने के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे थे। लेकिन तारबंदी, बैरिकेडिंग और नुकीली कीलों के लगने के कारण वे दिल्ली की सीमा से यूपी गेट तक नहीं पहुंच सके।
इसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि ये मामला संसद में उठाया जा सकता है। इसलिए दिल्ली पुलिस के लगातार छवि बिगड़ने से आला अधिकारियों ने नुकीली कीलों को हटवाने का निर्णय लिया है। आज सुबह बिलाल नाम के कर्मचारी ने नुकीली कील को हटाने का काम शुरू किया था।
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गौरतलब है कि दिल्ली सीमा पर भारी बैरिकेडिंग और कीलों की रोपाई के कारण दुनियाभर में भारत की किरकिरी हुई है। किसान आंदोलन से लेकर संसद तक में इस पर चर्चा हुई है। कल विपक्षी दल कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भी सवाल पूछा था कि आखिर किसानों के आंदोलन में इस तरह की किलेबंदी क्यों की जा रही है।
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